Liver हमारे शरीर का एक प्रमुख अंग है यह हमारे शरीर में भोजन पचाने से लेकर पित्त बनाने तक का काम करता है।
लिवर शरीर को संक्रमण से लड़ने,रक्त शर्करा या ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने,शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने,पेट को कम करने तथा प्रोटीन बनाने में अहम भूमिका अदा करता है।
Liver का मुख्य काम होता है भोजन और अपशिष्ट पदार्थों को प्रोसेस करना। एक स्वस्थ लीवर में फैट बहुत कम या बिलकुल नहीं होता है हालांकि यदि आप बहुत अधिक शराब पीते हैं या बहुत अधिक भोजन खाते हैं तो आपका शरीर इन अतिरिक्त कैलोरी को पेट में बदल देता है।इसे लीवर की कोशिकाओं में स्टोर किया जाता है समय के साथ लीवर कोशिकाओं में फैट की मात्रा काफी बढ़ सकती है यदि यह मात्रा बहुत अधिक हो जाती है। तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहा जाता है।
कुछ लोग सोचते हैं फैटी लीवर केवल शराब या अन्य मादक चीजों के सेवन करने से ही होता है और फैटी लीवर का इलाज घर में करना संभव नहीं है।
सबसे पहले तो यह जान ले कि फैटी लीवर की बीमारी शराब के साथ-साथ मोटापे और खाने की आदतों वाले लोगों में भी यह हो सकता है।
दूसरी बात यह जान ले कि फैटी लीवर का उपचार आप घर पर भी अच्छे से कर सकते हैं।
फैटी लीवर का इलाज करने के लिए घरेलू नुस्खे भी बहुत कारगर हैं।
आप अपनी खानपन की आदतों में सुधार लाकर भी इस बीमारी से बच सकते हैं।
● फैटी लीवर क्या है?
अगर सबसे पहले समझ लें कि फैटी लीवर क्या है।
लीवर की कोशिकाओं में अधिक मात्रा में वसा जमा हो जाती है।
लीवर में वसा की कुछ मात्रा का होना तो सामान्य बात है लेकिन फैटी लीवर बीमारी बीमार व्यक्ति को तब होती हैं जो वसा की मात्रा लीवर के भार से 10% अधिक हो जाती हैं।
ऐसी स्थिति में लिवर सामान्य से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है तथा अनेक लक्षणों को उत्पन्न करता है।
इसके बाद फैटी लीवर का इलाज करना जरूरी होता है।
इसके सामान्य लक्षण देर में देखने को मिलते हैं लेकिन लंबे समय तक लीवर में अधिक वसा का जमा होना नुकसानदायक बन जाता है।
आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की आयु में यह देखने को अधिक मिलता है।
इलाज की बात करें तो स्वस्थ संतुलित आहार का पालन करने से फैटी लीवर की समस्या बढ़ने से रोक सकते हैं या धीरे-धीरे ठीक भी होने लगती हैं।
इसके अलावा डायबिटीज को नियंत्रित करना,वजन कम करना और शराब छोड़ना आदि इसमें शामिल हैं।
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1 Fatty Liver के प्रकार।
2 Fatty Liver के लक्षण।
3 Fatty Liver के कारण।
4 Fatty Liver के बचाव।
5 Fatty Liver के परिक्षण।
6 Fatty Liver के इलाज।
7 Fatty Liver के नुकसान।
●Fatty Liver के प्रकार कोनसे है?
• Alcoholic Fatty Liver disease
शराब का अत्यधिक सेवन करने वालों में एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज होती हैं एल्कोहल का अधिक सेवन लिवर पर फैट जमा होने का एक कारण है।
शराब का ज्यादा सेवन करने से लिवर में सूजन आ जाती हैं तथा लीवर क्षतिग्रस्त हो जाता है।
• Non-Alcoholic Fatty Liver disease or NAFLD
उच्च वसायुक्त भोजन एवं अनुचित जीवन शैली के कारण व्यक्ति में मोटापे और डायबिटीज की समस्या होने लगती हैं जोकि फैटी लीवर होने में बड़े कारण हैं।
शराब न लेने पर भी इन स्थितियों में फैटी लीवर होने की पूरी संभावना है।
फैटी लीवर होने पर अन्य रोग होने की संभावना भी होती हैं।
● Fatty Liver होने के कारण क्या है ?
फैटी लीवर होने के कारण का पता होना जरूरी है।
इसलिए फैटी लीवर को होने से रोकने के लिए सबसे पहले आम कारणों के जान लेना जरूरी है। जिससे व्यस्को के साथ बच्चों में होने की संभावना को रोका जा सकता है। साथ ही घरेलू उपायों से शारीरिक अवस्था को संभाला जा सकता है।
•अत्यधिक शराब पीना।
•अनुवांशिक मोटापा।
• फैटी फूड और मसालेदार खाने का सेवन
• रक्त में वसा का स्तर ज्यादा होना।
• स्टेरॉयड, डिस्पिरिन और टेट्राक्लीन जैसी दवाइयों का लंबे समय तक सेवन करना।
• पीने के पानी में क्लोरीन की अधिक मात्रा। • वायरल, हेपेटाइटिस,मधुमेह डायबिटीज हाइपरलिपिडेमिया।
• तेजी से वजन कम होना।
● Fatty Liver के लक्षण क्या है ?
फैटी लीवर की शुरुआत में अक्सर लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन जैसे-जैसे यह बढ़ने लगता है। धीरे धीरे इसके लक्षण उभरने लगते हैं।
जैसे थकान
• मतली।
• पेट दर्द और कुछ मामलों में पेट के ऊपरी भाग में सूजन।
• वजन कम होना।
• भूख कम होना।
• कन्फ्यूज आदि।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसका ठीक से इलाज करवाना जरूरी है फैटी लीवर का आमतौर पर 40 से 60 की उम्र के बाद पता चलता है।
यह हालत इतनी गंभीर नहीं है लेकिन इसका समय पर पता ना लगना और इलाज ना होना लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
जिसे सिरोसिस कहा जाता है।
इससे पीलिया जैसी अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
आपका लिवर सूजन से ग्रस्त हो सकता है लीवर की अत्यधिक सूजन लीवर के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं।
( ये भी पढ़ें- • पीलिया के इलाज के घरेलू उपाय
● Fatty Liver से बचाव केसे करें ?
• सप्ताह में आधे सेेेेेेेेेेेेेेे 1 किलोग्राम से अधिक वजन कम करने की कोशिश ना करें।
• व्यायाम करें और अधिक सक्रिय रहे।
• सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 दिन के व्यायाम करने का लक्ष्य रखें।
• ट्राइग्लिसराइड कम करें।
• स्वस्थ डाइट।
• व्यायाम और दवाई आपकी कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिसराइड को स्वस्थ स्तर पर रखने में मदद कर सकती हैं।
• शराब न पिए।
• यदि आपको डायबिटीज है तो उसे नियंत्रित करें।
• स्वस्थ संतुलित आहार खाएं।
• लिवर स्पेशलिस्ट से नियमित जांच करवाएं।
● Fatty Liver के परिक्षण कोनसे है ?
• डॉक्टर आपके पेट की जांच करके लीवर के आकार में वृद्धि का पता लगा सकते हैं।
• अगर आपको थकान या भूख कम लगना जैसी समस्याएं होने लगी है तो इसबारे में अपने डॉक्टर को बताएं।
• पहले लिए गए सप्लीमेंट शराब का सेवन और दवाइयां आदि की पूर्ण जानकारी डॉक्टर को जरूर दें।
• नियमित रूप से खून की जांच करके डॉक्टर लीवर में एंजाइम की मात्रा का सामान्य,अधिक होना आदि का पता लगाते हैं पर इससे फैटी लीवर होने की पुष्टि नहीं हो पाती। सूजन होने के कारण का पता लगाने के लिए आगे विश्लेषण करना जरूरी होता है।
• इमेजिंग परीक्षण
• लीवर में मोटापा या सूजन का पता लगाने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड की मदद लेते हैं अल्ट्रासाउंड टेस्ट द्वारा ली गई तस्वीर से लिवर का अतिरिक्त मोटापा, सफेद क्षेत्र के रूप में दिखाई देता है।
• इसके अलावा सीटी या एमआरआई स्कैन जैसे अन्य इमेजिंग भी लिए जा सकते हैं।
• अल्ट्रासाउंड के जैसा एक इमेजिंग टेस्ट फाइब्रोस्कैन भी होता है इसमें भी अल्ट्रासाउंड की तरह ही ध्वनि तरंगों की मदद से लीवर के घनत्व सूजन और मोटापे से प्रभावित क्षेत्रों की जांच की जाती हैं।
• लिवर बायोप्सी- लीवर के परीक्षण के लिए डॉक्टर सुई की मदद से लीवर का एक टुकड़ा निकालते हैं।
निश्चित रूप से फैटी लीवर का पता करने का यही एकमात्र तरीका होता है। इस दौरान दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर मरीज को सामान्य बेहोशी की दवाई देते हैं बायोप्सी भी डॉक्टर को रोग का सही कारण निर्धारित करने में मदद करता है।
● Fatty Liver का इलाज क्या है ?
फैटी लीवर के रोगियों के लिए उपचार के लिए कुछ विकल्प है।
• जीवन शैली में बदलाव।
• व्यायाम करना।
• वजन घटाना।
• आहार सेवन।
• दवाइयां, सप्लीमेंट्स, ओमेगा 3 फैटी एसिड • सर्जरी।
• लिवर प्रत्यारोपण आदि।
वजन घटाना और व्यायाम करना फैटी लीवर के मरीजों के उपचार में काफी फायदेमंद होते हैं।
लीवर पेट को कम करने के लिए शरीर का बहुत ज्यादा वजन घटाने की जरूरत नहीं पड़ती। शरीर से 10% वजन कम करना काफी होता है।
फुर्तीला व्यायाम करने से लिवर की वसा में कमी होती है
दवाइयां और अन्य उपचार
• इंसुलिन फैंसी टाइगर ग्लूकोफेज डायबिटीज के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है जो कोशिकाओं की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने का काम करती हैं यह सीधे इंसुलिन प्रतिरोध की विपरीत प्रतिक्रिया करती है जो लीवर रोग और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के साथ जुड़े होते हैं एक ठोस और रसीद फ्लोर टाइल्स ऑन दवाइयों का प्रयोग भी डायबिटीज के उपचार के लिए किया जाता है क्योंकि यह दवाई इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा दी है इन दोनों दवाइयों से लीवर की फैट और अन्य प्रकार की लीवर समस्याओं में कमी हुई है
एंटीऑक्सीडेंट एनएसएस के उपचार के लिए विटामिन ई का प्रयोग भी किया जा सकता है मगर यह हर रोगी के लिए प्रयोग नहीं की जा सकती इसको चुनिंदा मरीजों को दिया जाता है इसके संभावित जोखिमों के बारे में मरीजों को अच्छे से जान लेना चाहिए
ओमेगा 3 फैटी एसिड ओमेगा 3 फैटी एसिड लिवर फैटी लीवर रोग और मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले रोगियों के लिए उचित उपचार हो सकता है क्योंकि इन रोगियों में कार्डियोवैस्कुलर रोग और मौत की संभावना अधिक हो जाती हैं
लिपिड कम करने की दवा खासतौर पर एजटीमाइब और इससे नीम का उपयोग मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़े और सामान्य रक्त रिपीट को सम्मान में रक्त स्तर पर लाने के लिए और उनका इलाज करने के लिए किया जाता है
• सर्जरी
पेट की सर्जरी होती है जो पेट के आसपास का फैट निकालने के लिए की जाती है क्योंकि मोटापा नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग के कारणों में यह एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है जबकि वजन कम होना नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग में लाभकारी प्रभाव दिखाता है।
इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि बेरिएट्रिक सर्जरी फैटी लीवर रोग के लिए एक संभावित उपचार माना जाता है।
• लिवर प्रत्यारोपण।
जब लिवर सिरोसिस रोग ग्रस्त हो जाता है और जटिलताएं बढ़ जाती है तो उपचार के लिए यही विकल्प बचते हैं या तो जटिलताओं का इलाज किया जाए या फिर रोग ग्रस्त लीवर को प्रत्यारोपित लीवर के साथ बदल दिया जाता है।
● Fatty Liver के नुकसान क्या है ?
लिवर कैंसर, नॉनएल्कोहलिक फैटी लीवर और नॉनएल्कोहलिक, हेपेटाइटिस दोनों के लिए सिरोसिस मुख्य जटिलताओं में से एक है। जो लीवर में निशानियां,खराबी का कारण बनती है।
सिरोसिस लिवर में किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने से होता है।
• सिरोसिस की प्रतिक्रिया पर रोकथाम ना की जाए तो यह समस्याएं भी हो सकती हैं।
• पेट में पानी भरना।
• खाने की नली की नसों में सूजन और खून भी निकल सकता है।
• नींद ना आना।
• लिवर कैंसर लीवर।
• फैल होना।
• शरीर में सूजन।
● References :
1. Medlineplus Medical Encyclopedia:US National Library of Medicine;Fatty Liver Disease
2. American Liver Foundation [internet].New York: American Association for the Study of Liver Disease;The Progression of Liver Disease.
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