शरीर में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ जाने के कारण त्वचा नाखून और आंखों का सफेद भाग पीला नजर आने लगता है इस समस्या को ही पीलिया कहते हैं खून में बिलीरुबिन के बढ़ जाने से पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज न हो तो रोगी को बहुत नुकसान झेलना पड़ता है यह एक सामान्य सा दिखने वाला गंभीर रोग है इस रोग में लीवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं।
क्या आपको पता है कि आप पीलिया का घरेलू उपचार भी कर सकते हैं।
पीलिया तब होता है जब शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बहुत अधिक हो जाता है बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा होने से लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे लीवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती हैं बिलीरुबिन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे व्यक्ति को पीलिया रोग हो जाता है इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह के पीलिया की दवा ना खाए।
बिलीरुबिन पीले रंग का पदार्थ होता है यह रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है जब भी कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो लीवर इनको रक्त से फिल्टर कर देता है जब लिवर में कुछ दिक्कत होने के चलते यह प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती तो बिलीरुबिन बढ़ने लगता है इसी के चलते त्वचा पीली नजर आने लगती हैं लिवर में गड़बड़ी के कारण बिलीरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकलता है और इससे पीलिया हो जाता है।
• इसके अलावा इन कारणों से भी पीलिया हो सकता है
हेपेटाइटिस, पेनक्रिएटिक का कैंसर, बाइल डक्ट का बंद होना,एल्कोहल से संबंधित लिवर की बीमारी, सड़क के किनारे दूषित वस्तुएं और गंदा पानी पीने से, कुछ दवाओं के चलते भी यह समस्या हो सकती हैं।
•पीलिया होने पर यह लक्षण हो सकते हैं
त्वचा नाखून और आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होने लगता है फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देना इसमें मितली आना, पेट दर्द, भूख न लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं लीवर की बीमारियों की तरह इसमें मिथली आना,पेट दर्द, भूख ना लगना और खाना ना हजम होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।वजन घटना, गाढ़ा पीला पेशाब आना, लगातार थकान महसूस करना भूख नहीं लगना पेट में दर्द होना बुखार बना रहना, हाथों में खुजली चलना।
• पीलिया नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है नवजात शिशु को पीलिया का खतरा अधिक होता है जब शिशु का जन्म होता है तो शिशु के शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं की अधिकता होती है जब यह अतिरिक्त सेल्स टूटने लगती है तो नवजात को पीलिया होने की संभावना हो जाती हैं शिशु में पीलिया की शुरुआत सिर से होती है फिर चेहरा पीला पड़ जाता है इसके बाद सीने और पेट में फैल जाता है आंख में पैरों में फैलता है।
इससे 14 दिन से ज्यादा समय तक ग्रस्त रहता है तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं।
• पीलिया एक जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन कभी-कभी रोग का सही समय पर उपचार न किया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है।
पीलिया के कारण अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
• फैटी लीवर
जब लीवर में वसा अधिक जमा हो जाती हैं तो उस स्थिति को फैटी लीवर कहते हैं वसायुक्त भोजन करने, अनियमित दिनचर्या जैसे व्यायाम न करने, तनाव,मोटापा, शराब का सेवन या किसी बीमारी के कारण लंबे समय तक दवाइयां लेने से पेट लीवर की समस्या हो सकती हैं।
• लक्षण
पाचन क्रिया में गड़बड़ी पेट के और मध्य भाग में हल्का दर्द थकान कमजोरी भूख ना लगना और कई बार पेट पर मोटापा दिखने लगता है कारणों का पता लगाकर विशेषज्ञ दिनचर्या में बदलाव करने के लिए कहते हैं स्थिति गंभीर होने पर लिवर सिरोसिस भी हो सकता है ट्रांसप्लांट ही इसका अंतिम इलाज होता है।
• सिरोसिस रोग
शराब का सेवन वसायुक्त भोजन और खराब जीवनशैली की वजह से कई बार लीवर में थक्के बनने लगते हैं जो कोशिकाओं को ब्लॉक कर देते हैं इसे फाइब्रोसिस कहते हैं इस स्थिति में लिवर अपने वास्तविक आकार में ना रहकर सिकुड़ने लगता है और लचीलापन खोकर कठोर हो जाता है लिवर ट्रांसप्लांट से इसका इलाज किया जाता है पीलिया के कारण इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए पीलिया के लक्षणों को अनदेखा ना करें बल्कि जल्द से जल्द इलाज कराएं।
• लक्षण
पेट दर्द, खून की उल्टियां, पैरों में सूजन बेहोशी,मल त्यागने के दौरान रक्त आना, शरीर पर अत्यधिक सूजन और पेट में पानी भर जाने जैसे लक्षण होने लगते हैं।
• लिवर फैलियर
लीवर की कोई भी बीमारी यदि लंबे समय तक रहे या उसका ठीक से इलाज ना हो तो यह अंग काम करना बंद कर देता है इसे लिवर फैलियर कहते हैं यह समस्या दो प्रकार की होती हैं एक क्यूट लीवर फेलियर और क्रॉनिक लिवर फैलियर।
• पीलिया का घरेलू इलाज इन उपाय द्वारा किया जा सकता है
• गन्ने का रस पीलिया के इलाज में अत्यधिक लाभकारी होता है अगर दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिया जाए तो इससे बहुत ही लाभ होता है अगर रोगी सत्तू खाकर गन्ने का रस सेवन किया जाए तो सप्ताह भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है अगर गेहूं के दाने के बराबर सफेद चुना गन्ने के रस में मिलाकर सेवन किया जाए तो भी जल्द से जल्द पीलिया दूर हो जाता है।
• हल्दी पीलिया रोग के उपचार के लिए बहुत अच्छी होती है पीलिया होने पर आप एक चम्मच हल्दी को आधा गिलास पानी में मिला लें इसे रोजाना दिन में तीन बार पिएं इससे शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थ मर जाएंगे यह बिलीरुबिन को शरीर से बाहर करने में भी बहुत मदद करता है पीलिया के इलाज के लिए बहुत ही अच्छा है जिससे शरीर के खून की सफाई भी हो जाती हैं।
• नारंगी पाचन तंत्र को दुरुस्त करती हैं यह पीलिया में भी बहुत ही प्रभावकारी साबित होती हैं नारंगी के रस का सेवन करने से बिलीरुबिन की मात्रा कम होती है और लिवर की कमजोरी भी दूर होती हैं।
• टमाटर लाइकोपीन का एक भरपूर स्रोत है सुबह खाली पेट लेने से लिवर स्वस्थ होता है टमाटर को नरम बनाने के लिए पानी में कुछ टमाटर उबाले अच्छे से उबल जाने के बाद टमाटर की छाल को अलग निकाल ले टमाटर के अंदर के हिस्से को एक बर्तन में निकालें इसे अच्छे से मिलाकर पी जाएं पीलिया के लक्षण दिखने पर कुछ दिनों तक इसका सेवन करें।
• धनिया के बीजों को 7 से 8 घंटे भिगोकर रखें इससे पानी के साथ सेवन करें धनिया पानी हरी सब्जी रोटी बनाने में इस्तेमाल करें धनिया पानी पीलिया रोग को सुधारने करने में सहायक है।
• पीलिया रोग में रोज सुबह शाम एक एक गिलास छाछ या मट्ठा में सेंधा नमक मिलाकर पिए सेंधा नमक पीलिया जल्दी ठीक करने में सहायक हैं।
• पीलिया रोग में दही का सेवन करने से भी इसका इलाज हो सकता है दही का सेवन करने से बैक्टीरिया के संक्रमण की रोकथाम होती हैं दही पीलिया के लक्षणों को कम करने में बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है।
• पीलिया रोग के इलाज के दौरान नारियल पानी पीना फायदेमंद होता है पीलिया में नारियल पानी का सेवन लिवर को स्वस्थ करता है और पाचन तंत्र भी ठीक करता है।
• गिलोय का रस शहद में मिलाकर सुबह-सुबह सेवन करने से ये रोग दूर होता है अधिक लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लें।
• कच्चे पपीते की बिना मसाले की सब्जी खाएं इसके साथ ही पक्का पपीता खाने से भी पीलिया के लक्षणों में कमी आती हैं।
• प्याज के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक मिट्टी की या शीशे के बर्तन में रखे बर्तन में नींबू का रस इतना डाले कि प्याज के टुकड़े इसमें अच्छी तरह डूब जाए इसी में सेंधा नमक और काली मिर्च भी उचित मात्रा में डालें इसक रोज सेवन करने से पीलिया में बहुत लाभ होगा।
• पीलिया के रोग में अगर मूली का सेवन किया जाए तो भी यह काफी लाभकारी होता है।
• तुलसी के पत्ते पीस कर सुबह शाम सेवन करने से पीलिया के इलाज में लाभ मिलता है।
• फिटकरी को तवे पर सेखकर फूलाले जब फूल जाए तब इसे एक गिलास में आधा चम्मच डालकर रोज सुबह पिला दे इसका दो-तीन दिन सेवन करने से पीलिया के लक्षणों में लाभ मिलेगा।
• पीलिया में आपको क्या खान-पान करना चाहिए
ऐसी कई आदतें होती हैं जोकि पीलिया जैसे रोग को उत्पन्न करती हैं कहीं लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि पीलिया में क्या खाएं और क्या ना खाएं आइए जानते हैं कि पीलिया होने पर आपका खान-पान कैसा होना चाहिए
• ताजा शुध्द भोजन ही करना चाहिए।
खाना बनाने और खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए
• ज्यादा पानी पीएं इससे लिवर में मौजूद टॉक्सिक बाहर निकलता है और लीवर ठीक रहता है पीने के लिए साफ और स्वच्छ जल का ही प्रयोग करें।
• फलों का रस पिये नींबू संतरे और अन्य फलों के रस से ताकत मिलती हैं और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
• थोड़ा-थोड़ा खाएं दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं इससे लीवर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता है।
• ज्यादा शारीरिक क्रियाकलापों से कमजोरी में तकलीफ बढ़ सकती है इसलिए पीलिया होने पर अधिक आराम करें।
• बाहर के बने खाने का परहेज करें।
• एक साथ ढेर सारा खाना ना खाए।
• ज्यादा मिर्च मसाले तले हुए खाना, मैदा आदि का प्रयोग ना करें।
• दाल और बीन न खाएं यह लीवर पर ज्यादा बोझ डालते हैं और तकलीफ बढ़ सकती हैं
• ज्यादा मेहनत से बचे ज्यादा मेहनत करने से तकलीफ बढ़ सकती हैं।
• शराब लीवर के लिए बहुत हानिकारक होता है इसके सेवन से लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
• पीलिया में ज्यादा नमक वाली चीजें खाने से बचना चाहिए ज्यादा नमक वाली चीजें खाने में पीलिया को ठीक होने में अधिक समय लगता है।
• चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन पीलिया ठीक होने में बाधक बन सकता है इसलिए पीलिया में इसका परहेज करना चाहिए
• पीलिया में दाल खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि दालों से आंतों में सूजन हो सकती हैं
• पीलिया के मरीजों को मक्खन खाने से परहेज करना चाहिए मक्खन में वसा बहुत ज्यादा होता है इसे खाने से पीलिया के मरीजों में तनाव भी बढ़ता है।
• पीलिया में जंक फूड खाने से बचना चाहिए जंग फूड में कहीं तरह के तेल मसाले डाले जाते हैं जोकि पीलिया के मरीजों के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।
• पीलिया में कुछ प्रोटीन युक्त आहार अंडे मांस मछली आदि लेने से बचना चाहिए पीलिया के मरीज के लिए इन सभी चीजों को पचा पाना मुश्किल होता है।
" हमने इस लेख में पीलिया रोग की कुछ जानकारी दी हैं आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट जरुर करें "
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