गुर्दे में कैल्शियम, ऑक्सलेट और फास्फोरस से बनी ठोस संरचना को गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन कहा जाता है। ये सभी पदार्थ पेशाब के माध्यम से किडनी से मूत्राशय और उसके बाद शरीर से बाहर जाते हैं। लेकिन जब ये किडनी में जमा हो जाते हैं, तो ठोस संरचना के रूप में विकसित हो जाते हैं, जिन्हें पथरी कहा जाता है। गुर्दे की पथरी या तो गुर्दे में ही रहती है या फिर पेशाब के माध्यम से मूत्राशय तक पहुंच जाती है। किडनी स्टोन कई अलग-अलग प्रकार की होती है, जिसमें छोटी आमतौर पर मूत्राशय तक आ जाती है जबकि बड़ी गुर्दे में ही रहती है। हालांकि, कुछ छोटी पथरी तो पेशाब के माध्यम से मूत्राशय से होते हुए शरीर से बाहर भी निकल जाती हैं और उनका आकार छोटा होने के कारण व्यक्ति को किसी प्रकार का दर्द या तकलीफ भी महसूस नहीं होती है। हालांकि, जैसे-जैसे पथरी का आकार बढ़ता है, तो वे पेशाब के दौरान निकलते समय किसी हिस्से में फंस जाती हैं। ऐसे में कई समस्याएं हो जाती हैं और साथ ही सामान्य रूप से पेशाब का बहाव भी नहीं बन जाता है। कई बार पेशाब का बहाव रुक जाने के कारण गंभीर दर्द होता है और पेशाब के साथ खून भी आने लगता है। इसके अल...
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