माहवारी को मासिक धर्म पीरियड या पीरियड साइकिल भी कहते हैं मासिक धर्म चक्र एक ऐसी प्रक्रिया होती है इस समय शरीर में कमजोरी और माहवारी के दौरान पेट में दर्द होता है यह प्रक्रिया औसतन हर महीने होती है कुछ महिलाओं के लिए यह समय मुश्किल भरा होता है कुछ लड़कियों के पीरियड समय से आते हैं तो कुछ मैं अनियमित होते हैं।
अगर मासिक धर्म अपने निश्चित समय से होता है तो महिला का प्रजनन तंत्र ठीक प्रकार से काम कर रहा होता है।
मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो महिलाओं को हर महीने 3 से 7 दिन तक होती है पीरियड्स लड़कियों में 11 से 15 साल के बीच में होने शुरू हो जाते हैं कहीं बार कुछ लड़कियां इससे घबरा जाती हैं जब उन्हें पहली बार यह होता है लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है यह एक सामान्य हार्मोनल बदलाव है इस दौरान योनि से खून का बहाव होता है और इसके साथ महिलाओं को मासिक धर्म में पेट और कमर में दर्द के साथ कुछ और समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
हर महीने आने वाले मासिक धर्म सभी महिलाओं के लिए असहनीय हो जाते हैं पहले के समय के मुकाबले आज के समय में महिलाओं को अधिक दर्द और तकलीफ का सामना करना पड़ता है जिसके कारण कहीं है मासिक धर्म में पेट दर्द होना, जी मिचलाना और मूड स्विंग आदि होता है लेकिन अगर माहवारी हर महीने समय पर ना आए तो यह चिंता का कारण बन जाती है कहीं महिलाओं का पीरियड्स के साथ लव हैट्स रिलेशनशिप भी होता है कुछ महिलाओं में तो कई बार मासिक धर्म चक्र अप्रत्याशित हो जाता है कभी महीने देर से आता है तो कभी समय से पहले ही आ जाता है कभी एक हफ्ते तक रक्त स्राव होता है तो कभी 3 दिन में ही बंद हो जाता है असल में ये जीवन शैली में बदलाव का असर भी मासिक धर्म पर पड़ता है।
सामान्य 28 से 32 दिनों में एक बार होता है हालांकि अधिकतर पीरियड्स का समय 3 से 5 दिन रहता है परंतु 2 से 7 दिन तक की अवधि को सामान्य माना जाता है।
स्वस्थ महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन जैसे तीन हार्मोन मौजूद होते हैं लेकिन कभी-कभी इन हार्मोन में पीरियड्स में गड़बडी हो जाती हैं जिसके कारण मासिक धर्म में कई प्रकार की समस्या देखने को मिलती है माहवारी के दौरान दर्द होने के अलावा और भी शारीरिक समस्याएं होती हैं।
• अति संवेदनशीलता
लगभग 20 से 30% महिलाएं हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण ओवुलेशन और रक्त स्राव के दौरान बहुत अधिक संवेदनशील हो जाती हैं अपने आहार में नियमित रूप से हरी पत्तेदार सब्जियां और हॉल ग्रैंन फूड को शामिल करे। चॉकलेट का सेवन भी कर सकती है ये रक्त शर्करा ग्लूकोज भावनाओं को नियंत्रित कर करती हैं।
• सिरदर्द मासिक
धर्म के दौरान अक्सर महिलाओं को गंभीर रूप से सिर दर्द होता है पीरियड्स में होने वाले सिर दर्द को दूर करने के लिए महिलाएं दवाओं का सहारा ले सकती हैं।
• स्तनों में कोमलता
पीरियड के दौरान महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन के बढ़ते स्तर के कारण स्तनों में अतिरिक्त कोमलता आ जाती हैं थकान महसूस होना हर बार ब्लडिंग होने के कारण शरीर स्फूर्ति दायक मिनरल आयरन को खो देते हैं आयरन मूड विनियमन हार्मोन सेरोटोनिन को बनाने में शामिल होता है जिसमें अक्सर पीएमएस के दौरान गिरावट आती है जो महिलाएं अपने आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ लेती है उनमें पीएमएस कम पाया जाता है इसलिए अपने आहार में पालक या दाल जैसे आयरन युक्त पदार्थ को शामिल करें।
• सूजन
लगभग 73% महिलाओं को पीरियड से पहले या इसके दौरान शरीर में सूजन का अनुभव होता है जो अक्सर भारी दबाव की तरह होता है वास्तव में कोई नहीं जानता कि इसका कारण क्या है लेकिन माना जाता है कि ऐसा पीरियड्स में वॉटर रिटेंशन के कारण होता है इस दौरान नमक और शराब का अधिक सेवन स्थिति को और भी खराब कर देता है मछली और अखरोट जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से इस समस्या से बचा जा सकता है।
• पीरियड के दौरान मांसपेशियों में संकुचन होने से डिलीवरी जैसा दर्द महसूस होता है आमतौर पर यह संकुचन या एंठन प्रोस्टाग्लैंडइन नामक हार्मोन के कारण होता है जैसे-जैसे इसका स्तर बढ़ता है शरीर की हालत बदतर होती जाती है लेकिन 10 से 15 मिनट हीटिंग पैड का उपयोग गर्भाशय की रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर परिसंचरण को बढ़ावा देकर तेजी से प्रोस्टाग्लैंडइन के स्तर को कम करता है
"माहवारी के दौरान किसी भी प्रकार के संक्रमण और दर्द से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है" इसके अलावा जीवनशैली और आहार में थोड़ा बदलाव लाने से माहवारी के कष्ट से कुछ हद तक बचा जा सकता है।
● सावधानियां
मासिक धर्म के समय किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से बचने के लिए साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि पीरियड के समय इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए डॉक्टर से सलाह लेते रहें हर 6 घंटे में पैड नैपकिन बदल देना चाहिए।
• टेंपो और सेनेटरी पैड का इस्तेमाल एक साथ नहीं करें।
• खानपान का खास ख्याल रखें।
• अपनी क्षमता के अनुसार हर दिन काम करें • अपनी परेशानियों को गुप्त न रखें।
● आहार
• मासिक धर्म के दौरान जंक फूड सोडा ड्रिंक फास्ट फूड तले भुने पकवान बैंगन विकार वाली चीजें मासिक धर्म पीड़ा विकार को बढ़ा सकती हैं।
• जो महिलाएं कॉफी कैंडी सोडा ड्रिंक आदि पसंद करती है उनको पीरियड के दौरान कुछ वक्त के लिए परहेज करना फायदेमंद है
• नशीली चीजें पसंद करने वाली महिलाओं के लिए पीरियड्स वक्त काफी घातक हो सकता है जो कि रक्त की कमी तेज रक्त स्राव ट्यूमर कैंसर गांठ का कारण बनने का भय बना रहता है।
• शराब बीयर आदि नशीली चीजें पीरियड के दौरान डीहाइड्रेशन का कारण बन सकती है इसलिए नशीली चीजों से दूर रहिए।
• पीरियड के दौरान गर्म खाने की चीजें बैंगन अंडा कद्दू मास आलू मसाले और भारी वजन उठाने से बचना चाहिए।
• मासिक धर्म में मछली झींगा खासकर सालमन मछली खाना फायदेमंद होता है लेकिन मछली का सेवन सीमित मात्रा में करें।
माहवारी का दर्द कम करने के लिए गर्म तोलिया हीट से 5 से 10 मिनट तक पेट के निचले भाग की सिकाई करनी चाहिए इससे शरीर से निकलने वाली गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती हैं जिससे दर्द कम हो जाता है।
• पेन किलर दवाओं के प्रयोग से बचना चाहिए।
• मासिक धर्म के समय शरीर में आयरन और विटामिन की खपत बढ़ जाती है अगर इस समय पर इन तत्वों की पूर्ण पूर्ति नहीं की जाए तो अगली बार महावारी होने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए बॉडी में न्यूट्रीशन की कमी को पूरा करने के लिए हरी सब्जी दूध दही और फलाहार करना चाहिए। • गर्म पानी से नहाने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिससे गर्भ से रक्त आसानी से निकल जाता है पीरियड में होने वाली समस्याओं के बचने के लिए दिन में दो से तीन बार गर्म पानी से नहाना चाहिए।
• पेट पर 10 से 5 मिनट तक हल्के हाथों से मालिश करें जिससे सूजन कम होने लगती है आप लेट कर बैठ कर या फिर खड़े होकर भी मालिश कर सकते हैं मसाज करने से पहले तेल को हल्का गर्म कर लेना चाहिए मालिश के लिए नारियल तेल या ऑलिव ऑयल प्रयोग करना चाहिए।
• महावारी में पानी अधिक पीना चाहिए अच्छे परिणाम के लिए गुनगुना पानी पीना चाहिए इसके अलावा ग्रीन टी का सेवन भी लाभदायक होता है इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को लाभ पहुंचाते हैं
• अधिक वजन वाली लड़कियों को माहवारी के समय ज्यादा परेशानी होती है इसलिए योग और व्यायाम को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लीजिए जो महिलाएं अपनी फिटनेस का ध्यान रखती है उनको पीरियड्स में कम परेशानी होती है पीरियड में व्यायाम करना सुरक्षित है इससे बॉडी में ब्लड सरकुलेशन अच्छा रहता है जिससे दर्द कम होता है ज्यादा तकलीफ हो तो व्यायाम करने की जगह आराम करना अधिक फायदेमंद होता है महावारी के समय हल्का-फुल्का एक्सरसाइज करना चाहिए हैवीवेट और एक्सरसाइज से बचना चाहिए।
"आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान होने वाली दर्द की परेशानी से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्खों को ही अपनाना चाहिए यहां हम कुछ घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से दर्द को कम किया जा सकता है।"
• माहवरी का दर्द कम करने के लिए एक बर्तन में एक गिलास पानी उबालकर उसमें दो चम्मच जीरा एक चम्मच शहद और एक चम्मच हल्दी मिलाएं और गाढ़ा होने तक उबालें इस काढ़े को बिना छाने एक कप पीजिए इसे दिन में दो बार पीने से दर्द कम हो जाता है।
• दालचीनी में कैल्शियम आयरन और फाइबर की काफी मात्रा पाई जाती हैं इनके साथ ही इसमें कहीं ऐसे गुण होते जो पीरियड के समय सूजन और दर्द में राहत पहुंचाते हैं मासिक धर्म में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए ग्लास मे गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी और एक चम्मच शहद मिलाकर माहवारी के पहले दिन दो से तीन बार पीना लाभकारी होता।
• मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करने के लिए एक चम्मच हल्दी का पाउडर एक गिलास हल्के गर्म दूध में मिलाकर पिए हल्दी से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे पीरियड में होने वाली समस्याएं दर्द से आराम मिलता है पीरियड के दौरान जो महिलाएं आम दिनों की तरह रहना चाहती हैं हल्दी वाला दूध उनके लिए बहुत फायदेमंद है।
• इसके दौरान आप पपीते का सेवन भी कर सकती हैं यह भी काफी लाभकारी हैं पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गाजर माहवारी के दर्द से आराम दिलाता है पीरियड के समय लैवंडर के तेल से पेट की मालिश करने में बहुत आराम मिलता है इसी दौरान आप अदरक और शहद आदि जैसे चीजों का उपयोग करके अपने पीरियड के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं उनके सेवन से कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाएगा।
" यदि उपचार या घरेलू उपचार से लगातार तीन महीने में दर्द ठीक ना हो या रक्त के बड़े-बड़े थक्के निकलते हो तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए यदि माहवारी होने के 5 से अधिक दिन पहले से दर्द होने लगे और माहवारी के बाद भी होता रहे तब भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए "
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