माइग्रेन की समस्या आजकल अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही है आमतौर पर इसे सामान्य सिरदर्द माना जाता है लेकिन यह साधारण सिर दर्द नहीं है बल्कि यह विशेष तरह का सिर दर्द है जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और इसके साथ में उस हिस्से में झनझनाहट भी महसूस होती हैं।
इकोनामिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार माइग्रेन विश्व स्तर पर काफी तेजी से फैल रहा है जिससे 7 लोगों में से एक व्यक्ति पीड़ित हैं।
यदि भारत की बात की जाए तो यहां पर लगभग 150 मिलियन लोग इससे पीड़ित हैं इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों में माइग्रेन के उपचार के संभावित तरीकों के प्रति जागरूकता की कमी है और इस कारण वह इस सिर की बीमारी का सही इलाज नहीं करा पाते हैं।
अतः यह आवश्यक है कि उन्हें माइग्रेन की सही जानकारी दी जाए ताकि वह सिर की बीमारी से सतर्क रह सकें।
यदि आपको भी माइग्रेन की संपूर्ण जानकारी नहीं है तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए ताकि आप सिर की बीमारी से बच सकें और स्वस्थ रह सकें।
• माइग्रेन क्या है ?
माइग्रेन आमतौर पर एक मध्यम या गंभीर सिर दर्द होता है जिसमें सिर के आधे हिस्से में भारीपन महसूस होता है इसके अलावा इसमें अधिकांश लोगों को सिर दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे उल्टी आना, चक्कर आना,दिखने में परेशानी का होना इत्यादि भी दिखाई देते हैं इसकी वजह से सिर में असहाय दर्द कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है। इस समस्या की शुरुआत बचपन में हो सकती हैं या फिर इसका पता वयस्कता तक पता ना चले। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस सिरदर्द की समस्या होने की संभावना अधिक रहती हैं।
• माइग्रेन कितने प्रकार का होता है ?
• दृष्टि संबंधी- माइग्रेन इस तरह के माइग्रेन को क्लासिक माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है यह माइग्रेन लगभग 25% लोगों में पाया जाता है।
क्लासिक माइग्रेन की स्थिति में लोगों को नेत्र संबंधी परेशानियां जैसे रोशनी में काला धब्बा नजर आना, रोशनी में चकाचौंध नजर आना इत्यादि होती हैं।
• दृष्टि रहित माइग्रेन - यह माइग्रेन का सामान्य प्रकार होता है जिसे कॉमन माइग्रेन भी कहा जाता है ऐसा अनुमान है कि इससे विश्व भर में लगभग 11% लोग पीड़ित हैं और इसके होने पर उन्हें तेज सिर दर्द होता है तो वहीं कुछ लोगों को उल्टी, मूड स्विंग इत्यादि परेशानियां होती हैं
• मासिक धर्म माइग्रेन - जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह माइग्रेन केवल महिलाओं को ही होता है यह माइग्रेन लगभग 60% महिलाओं में पाया जाता है जो मुख्य रूप से मासिक धर्म के शुरू होने की तिथि पर होता है।
• क्रॉनिक माइग्रेन - इसका अन्य नाम मिश्रित सिर दर्द भी है क्योंकि इसमें माइग्रेन सिरदर्द शामिल होते हैं क्रॉनिक माइग्रेन मुख्य रूप से उन लोगों में होता है जो दवाइयों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं
• ऑप्टिकल माइग्रेन- इसे आई माइग्रेन के नाम से भी जाना जाता है जिसका असर केवल एक आंख पर ही पड़ता है और इसकी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है क्योंकि इसकी वजह से आंख खराब हो सकती हैं।
• माइग्रेन के लक्षण क्या है ?
किसी भी अन्य समस्या की तरह माइग्रेन के भी कुछ लक्षण होते हैं जो इसकी शुरुआत का संकेत देते हैं यदि किसी व्यक्ति को यह लक्षण नजर आते हैं तो उसे इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसकी सूचना तुरंत अपने डॉक्टर को देनी चाहिए।
जिन्हें माइग्रेन की समस्या होती है उन्हें आंखों में दर्द मतली या फिर उल्टी की समस्या होती हैं।
• लाइट आवाज से भी समस्या होना।
• दिन भर बेवजह उबासी आना।
• माइग्रेशन पीड़ित लोगों को ऑरा महसूस होना प्रिंस और सुई चुभना जैसा महसूस होना।
• नींद अच्छे से ना आना।
• माइग्रेन में मूड पल भर में बदल जाता है कभी उदास तो कभी बहुत खुश।
• माइग्रेन होने से पहले खाने का अधिक मन होना। • सुबह उठते ही सिर में तेज दर्द होना।
• मूड स्विंग होना - इस सिरदर्द की समस्या का अन्य लक्षण मूड स्विंग का होना भी है ऐसे में यदि कोई व्यक्ति इस से परेशान है तो उसे तुरंत मनोवैज्ञानिक से मिलकर इसका इलाज कराना चाहिए मूड स्विंग में हर बार आपका मूड बदलता रहता है अचानक खुशी से गुस्से की अवस्था में आना।
• भूख लगना- दिन में तीन चार बार भोजन करना प्रकृति का नियम है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जिन्हें थोड़ी थोड़ी देर में भूख लगती रहती हैं हालांकि ऐसे लोगों का मजाक बनाया जाता है और इसी कारण वे इसका सही इलाज नहीं करा पाते हैं लेकिन किसी भी व्यक्ति को इस में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए और इसके लिए किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
• गर्दन में अकड़न का होना - गर्दन में अकड़न थकावट का संकेत होता है जिसके लिए लोग सामान्य तरीकों को अपनाते हैं लेकिन इसके लिए भी मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ती है क्योंकि यह सर्वाइकल जैसी सिर की कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
• प्यास लगना एवं बार बार पेशाब का आना - यदि किसी व्यक्ति को थोड़ी थोड़ी देर में प्यास लगती है या फिर उसे बार-बार पेशाब करने जाना पड़ता है तो उसे इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि ये मूत्राषय के से का खराब होने का संकेत है ये भी सिर की बीमारी का कारण होता है।
• बार-बार जमाई का आना - आपने अक्सर यह देखा होगा कि कुछ लोग दिन भर जमाई लेते रहते हैं और हम लोग ऐसा सोचते हैं कि ऐसा उनके कम सोने का परिणाम होगा लेकिन कई बार इस दर्द को सिर की बीमारी का संकेत माना जाता है ऐसे में कोई भी व्यक्ति लापरवाही ना बरते।
• माइग्रेन के कारण क्या है ?
हालांकि इसके सटीक कारण अज्ञात हैं लेकिन उन्हें मस्तिष्क में असामान्य रूप से तंत्रिका संकेतों रसायनों और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली असामान्य गतिविधि का परिणाम माना जाता है यह स्पष्ट नहीं है कि मस्तिष्क की गतिविधि में इस परिवर्तन का क्या कारण है लेकिन यह संभव है कि कुछ लोग अपने देनिक दिनचर्या की वजह से इस सिर में असहाय दर्द से जूझ रहे हैं खैर कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो सिर में असहाय दर्द का कारण बन सकते हैं अतः यदि कोई व्यक्ति उनसे बचाव करें तो वह माइग्रेन होने की संभावना को कम कर सकते है माइग्रेन की समस्या मुख्य रूप से कुछ कारणों से हो सकती हैं।
• हार्मोन परिवर्तन होना- यदि हार्मोन परिवर्तन सामान्य तरीके से ना हो तो यह कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है अतः इसकी वजह से सिर की यह समस्या भी हो सकती हैं।
• पौष्टिक भोजन न करना- पौष्टिक भोजन को सेहतमंद व्यक्ति की कुंजी माना जाता है क्योंकि यह उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यह बात माइग्रेन के संदर्भ पर भी लागू होती है और इस प्रकार सिर कि यह परेशानी उस व्यक्ति को हो सकती हैं जो पौष्टिक भोजन नहीं करता है। • अत्यधिक तनाव लेना - माइग्रेन होने की समस्या उन लोगों में अधिक रहती हैं जो अत्यधिक तनाव लेते हैं ऐसे में किसी भी व्यक्ति को तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसका असर उसकी मानसिक कोशिकाओं पर पड़ता है।
• दवाई का सेवन करना - यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी के लिए अधिक मात्रा में दवाई ले रहा है तो उसे यह मानसिक समस्या हो सकती हैं अत हर इंसान को बिना डॉक्टर की सलाह कोई भी दवाई लेनी नहीं चाहिए क्योंकि उसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
• सोने के समय का सही ना होना- अक्सर आपने सुना होगा कि लोग को सही तरीके सही समय पर सोना और जागना चाहिए लेकिन वर्तमान समय में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो इस नियम का पालन नहीं करते हैं उनके ऐसा करना ही यह परिणाम होता है कि उन्हें सिर के असहाय दर्द से पीड़ित रहना पड़ता है।
• इनमें शराब विशेष रूप से और अधिक कैफ़ीन जैसे आदि पदार्थों का सेवन करना,आंखों की रोशनी कमजोर होना,अत्यधिक टीवी देखना, मोबाइल का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करना, गलत मुद्रा में सोना इत्यादि।
• माइग्रेन का इलाज कैसे करें ?
संभवत माइग्रेन से कई सारी परेशानियां होती है और इस दौरान व्यक्ति को मानसिक प्रताड़ना से भी गुजरना पड़ता है लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यदि हम कुछ बातों का ध्यान रखें तो इसकी रोकथाम कर सकते हैं।
माइग्रेन से बचाव करने के लिए इन सावधानियों को बरतना चाहिए।
• संतुलित दिनचर्या का पालन करना - जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया कि माइग्रेन का प्रमुख कारण और असंतुलित दिनचर्या का भी है अतः समझदारी इसी में है कि प्रत्येक व्यक्ति संतुलित दिनचर्या का पालन करें।
• नियमित रूप से व्यायाम करना- यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करता है तो वह माइग्रेन की संभावना को कम कर सकता है व्यायाम से सिर दर्द में आराम मिलता है और वह इस बीमारी से जल्दी ठीक हो जाता है।
• पर्याप्त मात्रा में पानी पीना- शरीर में पानी की कमी कई सारी बीमारियों का कारण बन सकती है इसी कारण हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
• भरपूर नींद लेना- विशेषज्ञ द्वारा भरपूर नींद को सेहतमंद व्यक्ति की पहचान बताते हैं यह बात माइग्रेन में भी लागू होती है इससे सभी लोगों को लगभग 8 घंटों की नींद लेनी चाहिए ताकि उसे किसी तरह की बीमारी ना हो।
• धूम्रपान करना- ये किसी के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है यदि कोई व्यक्ति सेहतमंद रहना चाहिए।
निश्चित रूप इसका इलाज ना कराया जाये तो ये लंबे समय तक मौत का कारण बन सकती हैं।
यह सवाल हर उस व्यक्ति के लिए मायने रखता है जो इस सिर दर्द से परेशान है जो कि वह इसे मात्र सिर दर्द समझता है इसी कारण व इसके लिए काफी सिर दर्द की गोलियों का इस्तेमाल करता है या फिर इसके लिए वह कुछ समय की नींद ले लेता है लेकिन उसके लिए इतना करना काफी नहीं होता है और उससे मार्गदर्शन की जरूरत होती है।
अतः यदि कोई माइग्रेन से पीड़ित है तो वह इसका इलाज करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करें
• टेबलेट लेना - जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि सिर की यह समस्या हार्मोन के और सामान्य परिवर्तन के कारण भी होती हैं ऐसे में हार्मोन के असामान्य परिवर्तन का इलाज हार्मोन को सामान्य करने की टेबलेट का सेवन के दौरा भी करना संभव है।
• योगा करना- वर्तमान समय में योगा काफी प्रसिद्ध हो रहा है अधिकांश लोग विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के लिए करते हैं।
यदि माइग्रेन की बात की जाए तो सिर में असहाय दर्द का इलाज कहीं सारे योगासन जैसे शीर्षासन इत्यादि के द्वारा संभव है।
• व्यायाम करना- किसी भी अन्य बीमारी की तरह माइग्रेन में भी व्यायाम करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है व्यायाम के माध्यम से मस्तिष्क की मांसपेशियां खुलती है जिसकी सहायता से व्यक्ति जल्दी से ठीक हो जाता है।
• हेल्दी डाइट अपनाना- यह समस्या और पौष्टिक भोजन का सेवन न करने के कारण भी होती हैं अतः प्रत्येक व्यक्ति को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
• ब्रेन सर्जरी कराना- जब इस से पीड़ित व्यक्ति किसी भी उपचार के लिए किसी अन्य तरीके से लाभ नहीं मिलता है तब डॉक्टर उसे ब्रेन सर्जरी कराने की सलाह देते इस सर्जरी में मस्तिष्क के ऊपर उस हिस्से को ठीक किया जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति को सिर में असहाय दर्द होता है।
• संतुलित आहार ,पर्याप्त नींद लें, एक्सरसाइज करें, रोज 10 से 12 बादाम खाए, यह माइग्रेन का बढ़िया उपचार हैं,रोज सुबह-शाम एक गिलास अंगूर का रस पिएं यह काफी कारगर उपाय हैं, रोज सुबह शाम खुली हवा में घूमने जाएं,बंद गोभी को पीसकर इस पेस्ट को एक सूती कपड़े में ठीक ढंग से बिछाकर माथे में बांधे और जब पेस्ट सूखने लगे तो नया पेस्ट बनाकर पट्टी बांधे इससे आपको सर दर्द से काफी फायदा मिलेगा, माथे में नींबू के छिलके का पेस्ट बनाकर बांधे काफी आराम मिलेगा, गाय का शुद्ध ताजा घी सुबह-शाम दो-चार बूंद नाक में रुई से टपका ने से माइग्रेन से काफी राहत मिलेगी, गाजर का रस और पालक के रस को मिलाकर पीएं,इससे आपको काफी फायदा होगा तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर खाने के पहले या खाने के बाद सेवन करने से माइग्रेन में काफी लाभ होता है।अपने खाने में हरी सब्जियां और फलों को अधिक मात्रा में शामिल करें।
• माइग्रेन के जोखिम क्या हो सकते हैं ?
माइग्रेन का सही समय पर इलाज कराने का लाभ केवल यही नहीं होता कि इससे व्यक्ति स्वस्थ हो सके बल्कि इसका एक दूसरा पहलू भी है कि ऐसा करने से इसके जोखिम एवं लक्षणों को भी कम किया जा सकता है।
इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति इसका इलाज समय रहते नहीं कराता है तो उसे इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
• ब्रेन स्ट्रोक का होना- माइग्रेन के काफी लंबे समय तक लाइलाज रहने पर यह ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है।
• मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का होना- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि माइग्रेन का इलाज समय पर ना होने के कारण व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां जैसे अवसाद,गुस्सा अधिक आना,चिड़चिड़ा होना,कुछ भी अच्छा न लगना,गुमसुम रहना इत्यादि हो जाती हैं हालांकि इस स्थिति में मनोवैज्ञानिक सलाह सहायक होती हैं।
• नींद ना आना- अक्सर सिर की समस्या से पीड़ित कुछ लोग यह शिकायत करते हैं उन्हें नींद नहीं आती है वह इससे काफी परेशान रहते हैं और फिर उन्हें नींद की गोली का सहारा लेना पड़ता है।
• पेट में दर्द होना - यदि मस्तिष्क सही तरीके से काम नहीं करता है तो उसका असर मानव शरीर के पूरे तंत्र पर पड़ता है ऐसा माइग्रेन के मामले में भी देखा गया है इसी वजह से कुछ लोगों के पेट में दर्द भी होता है।
• मौत होना - माइग्रेन के इलाज ना होने पर व्यक्ति की मौत भी हो जाती हैं हालांकि ऐसा काफी कम देखा गया फिर भी किसी भी प्रकार की लापरवाही करना नुकसानदायक साबित हो सकता है क्योंकि यह बीमारी मस्तिष्क से जुड़ी हुई हैं।
ज्यादातर लोग इस बीमारी का इलाज नहीं करा पाते हैं क्योंकि वह माइग्रेन की संपूर्ण जानकारी से वंचित होते हैं।
"इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आप के लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इसमें गंभीर सिरदर्द ( माइग्रेन) की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की हैं।"
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