बरसात के मौसम के बाद यह रोग बहुत आम हो जाता है डेंगू बुखार मच्छर के काटने से फैलता है और यह अत्यधिक संक्रामक है अफ्रीका ,उत्तर और दक्षिण अमेरिका ,पूर्वी भूमध्य सागर ,दक्षिण पूर्वी एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के 100 से अधिक देशों में यह रोग पाया जाता है उत्तर और दक्षिण अमेरिका ,दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हैं।
यह पिछले दो दशकों से भारत में एक बहुत ही सामान्य बीमारी बन गया है डेंगू किसी को भी प्रभावित कर सकता है चाहे वह छोटा हो या कोई बड़ा व्यक्ति, नर या नारी। डेंगू बुखार गंभीर और जीवन के लिए खतरनाक रूप है इसके शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं।
• डेंगू बुखार के लक्षण क्या है ?
• अचानक तेज बुखार (104 डिग्री तक भी हो सकता है)।
• ठंड लगना गंभीर।
• सिर दर्द आमतौर पर आंखों के पीछे मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में दर्द।
• मतली उल्टी होना।
• त्वचा का लाल होना और साथ ही जलन महसूस होना।
• कुछ मामलों में खसरे के सम्मान चकत्ते होना।
डेंगू बुखार के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं और इसलिए इन्हें कई बार गलतफहमी में सर्दी या वायरल के लक्षण समझ लिया जाता है थोड़े से मामलों में डेंगू का बुखार एक गंभीर रूप ले लेता है जिसे डीएचएफ के नाम से जाना जाता है डीएचएफ काफी जानलेवा हो सकता है जिसके परिणाम स्वरूप रक्त स्राव होता है रक्त प्लेटलेट की गिनती कम हो जाती हैं। साइटोपेनिया रक्त प्लाज्मा रिसाव हो सकता है या अधिक घातक डेंगू शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है जिसके खतरनाक रूप से रक्तचाप कम होता है।
• डेंगू बुखार होने के कारण क्या है ?
डेंगू वायरस वाले मच्छरों के काटने से डेंगू बुखार और डेंगू हेमरेजिक बुखार मानव से मच्छर से मानव तक फैलता है डेंगू वायरस एक समूह से संबंधित है जिसे फ्लेवीवायरस कहा जाता है और इन्हें आमतौर पर चार वायरस श्रेणी में डाला जाता है [ डीएन 1,डीएन 2,डीएन 3 और डी एन 4 ]
इस प्रजाति के कई मच्छरों से डेंगू संचारित हो सकता है विशेष रूप से एडीज प्रजाति जो कि डेंगू संचरण का प्रमुख कारण है मच्छर की यह प्रजाति स्थित जल में पनपती हैं और आमतौर पर दिन के दौरान काटती हैं एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद वायरस 2 से 7 दिनों के लिए रक्त में फैलता है और उस दौरान अगर इस व्यक्ति को मच्छर काटता है तो वह मच्छर भी संक्रमित हो जाता है और दूसरे लोगों को काटकर संक्रमित कर देता है। डेंगू वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता है यह संक्रामक नहीं है और व्यक्ति से व्यक्ति के संपर्क में नहीं फैलता। इस वायरस को फैलने के लिए एडीज मच्छर की जरूरत पड़ती है यह मच्छर हल्की ठंडे तापमान में जीवित रह सकते हैं इस मौसम में यह आसानी से वायरस फैला पाते हैं।
• डेंगू बुखार से बचाव कैसे करें ?
• डेंगू को रोकने के लिए कुछ बुनियादी कदम वास्तव में सबसे प्रभावी उपाय है डेंगू होने का एकमात्र तरीका मच्छर का काटना होता है इसलिए इसे रोकने के लिए सबसे अच्छा तरीका है मच्छरों से बचना और मच्छरों के पैदा होने को रोकना यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है अगर आपके शहर में डेंगू महामारी चल रही हैं डेंगू को रोकने के कुछ तरीके नीचे वर्णित है।
• मच्छर स्थिर पानी में पैदा होते हैं इसलिए घर में और घर के आस-पास पौधों बाल्टी आदि या जमीन पर स्थिर पानी इकट्ठा ना होने दे।
• पानी को हमेशा बंद कंटेनर में ही रखा जाना चाहिए।
• कहीं पर भी पानी इकट्ठा हो जाए तो उसे तुरंत साफ कर देना चाहिए। स्विमिंग पूल में पानी को साफ रखना मुश्किल हो सकता है खासकर यदि आप उसे ढककर नहीं रख सकते हैं मच्छरों के पैदा होने को नियंत्रित करने के लिए पुल में कुछ गप्पी मछलियां डालनी आसान उपाय हैं गप्पी जो की मीठे पानी की एक मछली है मच्छर ,लार्वा और अंडे खाती हैं जो पुल में मच्छर होने से रोकती है।
• पानी के स्रोतों में जो कि पीने के लिए नहीं है उन में ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग किया जा सकता है क्योंकि ब्लीचिंग पाउडर मच्छर के अंडों के विकास को रोकता है।
• मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचे। मच्छर हमें काटते हैं क्योंकि उन्हें अंडों का उत्पादन करने के लिए मानव रक्त में मौजूद प्रोटीन की आवश्यकता होती है काटना रोकने के लिए मच्छर को दूर भगाने वाले स्प्रे या पौधों का उपयोग करें चाहे घर के अंदर या बाहर।
• मच्छरों से बचने के लिए एक अच्छी तरह से बंद या वातानुकूलित घर के अंदर रहना सबसे अच्छा है यदि वह संभव नहीं है तो मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
• मच्छर के काटने को रोकने के लिए एक और तरीका है कि •जब बाहर हो तब लंबी बाजू वाली शर्ट ,पैंट ,मौजे आदि पहने।
• सुबह या शाम को मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं इसलिए डेंगू से संक्रमित मच्छर से काटे जाने की संभावना कम करने के लिए समय के दौरान बाहर होने से बचना चाहिए।
• मच्छरों को गहरे रंग के वस्त्र आकर्षित करते हैं इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनना बेहतर है।
• सुगंधित शरीर लोशन ना लगाएं या कम लगाएं क्योंकि मच्छरों को तेज गंध आकर्षित करती हैं।
• इसके लिए फॉगिंग भी प्रभावित हैं।
• डेंगू बुखार में क्या खाना चाहिए ?
डेंगू के साथ कहीं सामान्य वर्ग बीमारियों को रोकने या उनका उपचार करने में मदद के लिए सही आहार एक जरूरी कदम है एंटीवायरल गुणों से समृद्ध भोजन और जड़ी बूटियों से आपके शरीर को संक्रमण से बचा सकते हैं साधारण खाने की सामग्री जैसे कि अदरक और लहसुन को आपके आहार में शामिल किया जाना चाहिए या कच्चे खाया जाना चाहिए।
• डेंगू बुखार का परीक्षण कैसे होता है ?
डेंगू का निदान कैसे किया जाता है जब बुखार के साथ शरीर मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द होने लगे तो यह डेंगू के संकेत हो सकते हैं। उष्णकटिबंधीय या उप उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले अगर किसी व्यक्ति को 2 हफ्ते से ऊपर बुखार है तो उसकी जांच करना बहुत जरूरी है डेंगू होने के लक्षण अक्सर फ्लू खसरा और टाइफाइड बुखार आदि जैसे अन्य रोगों के समान होते हैं इसलिए असली बीमारी का पता लगाने के लिए हमेशा पहले जांच की जाती हैं खून में एंटीबॉडीज और वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती हैं।
• डेंगू के संक्रमण का निदान निम्न तरीकों के द्वारा किया जाता है।
लक्षणों की उपस्थिति के 5 दिनों के भीतर रोगियों के सिरम का सैंपल लेकर उनमें उपस्थित वायरस का पता लगाना, पूर्ण खून की जांच कराना, लक्षणों की शुरुआत के 6 दिनों के भीतर शरीर में विशिष्ट एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सीरम का सैंपल लेकर किया जा सकता है रोगी के शरीर से लिए गए सिरम यां सेरेब्रॉस्पाइनल द्रव के सैंपल से वायरस जिनोमिक का पता लगाने के लिए पॉलीमर एक चैन रिएक्शन का उपयोग किया जाता है लेकिन यह काफी महंगा और जटिल भी हो सकता है।
• टोनिकेट टेस्ट करना- जब टोनिकैट को रोगी के हाथ से बांधा जाएगा उस दौरान अगर खून के धब्बे बाहर दिखते हैं तो मरीज को खून की अधिकता है जो मरीज में रक्त स्रावी डेंगू का संकेत देती हैं।
• प्लेटलेट का घटना- इसको थ्रोंबोसाइटोपेनिया भी कहा जाता है यह तब होता है जब प्लेटलेट की संख्या एक लाख से कम हो जाए सामान्य व्यक्ति में प्लेटलेट की संख्या 1.5 लाख से चार लाख होनी चाहिए प्लेटलेट की संख्या में कमी डेंगू के संकेत दिखाती हैं.
• हेमाटोक्रिट में वृद्धि - लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा में 20% तक वृद्धि भी एक संकेत हो सकता है अगर यह प्लाज्मा की वैस्कुलर परमीबिलिटी में बढ़ोतरी के कारण हुआ हो।
• डेंगू बुखार का इलाज कैसे करें ?
डेंगू बुखार एक वायरस के कारण होता है इसलिए इसका उपचार करने के लिए कोई एंटीबायोटिक नहीं है इसके इलाज के लिए कोई एंटीवायरल दवा भी मौजूद नहीं है। डेंगू का इलाज करने के लिए उसके लक्षण और संकेतों को ठीक करने पर ध्यान देना होता है इस दौरान डॉक्टर मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह देते हैं ताकि उल्टी और बुखार से शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर किया जा सके। डेंगू ठीक होने के दौरान हमेशा निर्जलीकरण के लक्षण और संकेत पर नजर रखनी चाहिए। अगर नीचे दिए गए किसी भी लक्ष्य संकेत मरीज के शरीर में दिखे तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
• पेशाब की मात्रा में कमी।
• आंसू कम आना या बिल्कुल ना आना।
• सुस्ती (अस्त व्यस्त) रहना।
• हाथ पैरों में ठंड महसूस होना।
• पेरासिटामोल दवाई दर्द और बुखार को कम कर देती हैं ऐसी दर्द निवारक दवाएं लेने से बचे जिनके कारण से खून बहने जैसी जटिलताएं बढ़ती है जैसे एस्पिरिन, आइबूप्रोफेन,नप्रोक्सईएन सोडियम आदि।
• डेंगू के इलाज में कई घरेलू और प्राकृतिक चीजें भी काफी मदद करती हैं जैसे पपीते के पत्ते की आदि। ऐसे कई घरेलू और प्राकृतिक खाद पदार्थ है जो प्लेटलेट को बढ़ाने में शरीर की मदद करते हैं।
•डेंगू की वजह से होने वाली अन्य बीमारियां कौन सी है ?
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