सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जोड़ों का दर्द क्या है और क्यों होता है जोड़ों के दर्द से कैसे छुटकारा पाएं ? (Joint pain in Hindi )


जोड़ों के दर्द को मुख्य रूप से उम्रदराज लोगों से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से यह समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं।हालांकि लोग इसका इलाज कराने के लिए सभी तरीके को अपनाते हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें इस से राहत नहीं मिल पाती। ऐसा मुख्य रूप से जोड़ों के दर्द की पूरी जानकारी ना होने के कारण होता है। जिसे दूर करने की कोशिश नहीं की जाती है। 

 यदि आप भी इस समस्या से पीड़ित है,तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमने जोड़ों का दर्द से जुड़ी आवश्यक जानकारी दी है।

 ● जोड़ों का दर्द क्या है ?

जोड़ों का दर्द से तात्पर्य शरीर के किसी अंग के जोड़ में खिंचाव, दर्द,अकड़न इत्यादि होना है।हालांकि इसका इलाज सामान्य घरेलू नुस्खे के द्वारा किया जा सकता है। लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक वैसी ही बनी रहे तो भी इसका इलाज करने का एकमात्र विकल्प जोड़ों को बदलना ही होता है।




 ●  जोड़ों का दर्द के लक्षण क्या है ?

जोड़ों के दर्द की शुरुआत सामान्य दर्द से होती हैं इसलिए कुछ लोग इसकी गंभीरता को समझ नहीं पाते हैं। इसकी वजह से कुछ समय बाद जब जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है तब इन्हें मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है। 

अतः यदि किसी व्यक्ति को अपने शरीर में यह 5 लक्षण नजर आए तो उसे इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह जोड़ों के दर्द के संकेत होते हैं -

1. चलने में परेशानी होना 
जोड़ों का दर्द का मुख्य लक्षण चलने में परेशानी होना है ऐसा मुख्य रूप से तब होता है जब घुटनों के जोड़ों में दर्द होता है। ऐसी स्थिति में इससे पीड़ित लोगों को उठने बैठने में भी परेशानी होती हैं।

 2. जोड़ों में सूजन होना 
जोड़ों का दर्द का अन्य लक्षण जोड़ों में सूजन होना या आना है। ऐसी स्थिति में सिकाई करना काफी नहीं होता बल्कि मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है।

3. जोड़ों में नरमी होना
यदि किसी व्यक्ति को जोड़ों में नरमी महसूस होती है तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि यह जोड़ों का दर्द का संकेत हो सकता है।

4. जोड़ों में अकड़न महसूस होना 
अक्सर कुछ लोगों को अपने जोड़ों में अकड़न महसूस होती हैं। ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलकर उनकी जांच करानी चाहिए क्योंकि यह जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है।

5. जोड़ों में लालपन होना 
अचानक से जोड़ों में लालपन होना भी जोड़ों का दर्द का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल सहायता लेनी ही समझदारी भरा कदम हो सकता है। 






●  जोड़ों का दर्द किन कारणों से होता है ?

जोड़ों का दर्द होने के काफी सारे कारण होते हैं इसलिए इसके किसी सटीक कारण पता लगाना काफी मुश्किल है। इसके बावजूद इस समस्या पर किए गए अध्ययनों से स्पष्ट है कि जोड़ों का दर्द के स्वभाविक कारण निम्न हो सकते हैं-

 • चोट लगना
जोड़ों का दर्द होना का प्रमुख कारण चोट लगना है। ऐसा अंदरूनी चोट लगने पर ही होता है जिस की तुरंत जांच करके ठीक करने की जरूरत होती है।

 • अर्थराइटिस से पीड़ित होना
जोड़ों का दर्द होने की संभावना मुख्य रूप से अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में रहती हैं। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए।और सेहत संबंधी किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

• जोड़ों का संक्रमण होना 
अक्सर जोड़ों का दर्द का कारण संक्रमण भी हो सकता है हालांकि इसे एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन करके ठीक किया जा सकता है लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रही तो यह जोड़ों का दर्द का कारण बन सकती है।

• मोच आना 
कभी-कभी मोच आने से भी जोड़ों का दर्द हो सकता है ऐसी स्थिति में हड्डी विशेषज्ञ से मिलकर मोच को ठीक करने का ही एकमात्र विकल्प बचता है अन्यथा यह गंभीर रूप ले सकती हैं।

• जोड़ों के बीच का ग्रीस या तरल पदार्थ का खत्म होना 
जोड़ों का दर्द ऐसे लोगों को भी हो सकता है जिनके जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है। जोड़ों के बीच का तरल पदार्थ का मुख्य काम जोड़ों की कार्य क्षमता को बनाए रखना लेकिन जब भी समाप्त हो जाता है तो यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनता है। 





● जोड़ों के दर्द की पहचान कैसे की जा सकती हैं ?
यदि जोड़ों के दर्द की पहचान समय रहते कर ली जाए तो इसका इलाज सही तरीके से किया जा सकता है। ऐसा करने से इससे पीड़ित लोगों की परेशानियां थोड़ी कम हो सकती हैं। जिससे उनकी जिंदगी बेहतर बन सकती हैं।

•  जोड़ों का दर्द की पहचान करने के लिए इन 4 तरीकों को अपनाया जा सकता है -

1. मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना 
जोड़ों का दर्द की पहचान करने का सबसे आसान तरीका मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना है ऐसा करने से इस बात का पता चलता है कि किसी व्यक्ति को कोई बीमारी तो नहीं थी।

2 . एक्स-रे कराना
क्योंकि, जोड़ों का दर्द अंदरूनी कारण जैसे जोड़ों के बीच में अंतर आना भी नतीजा होता है। इसलिए डॉक्टर इस बात की पुष्टि करने के लिए एक्स-रे का सहारा लेते हैं।

3. ब्लड टेस्ट कराना 
अक्सर डॉक्टर इस समस्या की पहचान करने के लिए ब्लड टेस्ट भी करते हैं ताकि लोगों के शरीर की अंदरूनी स्थिति को मॉनिटर किया जा सके। 

4. सेडिमेंटेशन टेस्ट कराना 
वर्तमान समय में जोड़ों के दर्द का पता लगाने के लिए सेडिमेंटेशन टेस्ट का भी सहारा लिया जाता है जिसमें मुख्य रुप से ब्लड सेल्स काउंट किया जाता है।





●  जोड़ों का दर्द का इलाज कैसे करें ?

जैसे ही किसी व्यक्ति के जोड़ों का दर्द से पीड़ित होने का पता चलता है वैसे ही उनका इलाज शुरू कर देना चाहिए। ऐसा करने से इससे पीड़ित लोगों को संभावित खतरे से बचाया जा सकता है। इस प्रकार जोड़ों का दर्द का इलाज निम्न तरीके से संभव है -

 • एक्सरसाइज करना
जोड़ों के दर्द का इलाज करने का सबसे आसान तरीका एक्सरसाइज करना है। एक्सरसाइज करने से जोड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है जिससे उनमें होने वाला दर्द कम होता है। 
 
• दवाई लेना 
जोड़ों का दर्द का इलाज दवाई के द्वारा भी किया जा सकता है। यह दवाइयां इस दर्द को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ इसे ठीक भी करती हैं।

• थेरेपी लेना 
अक्सर जोड़ों का दर्द से पीड़ित लोगों को थेरेपी करने की भी सलाह देते हैं यह थैरेपी जोड़ों के दर्द को कम करने में सहायक साबित होती हैं।

• योगा करना 
इस समस्या को योगा के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है 
ऐसी स्थिति में प्राणायाम, सेतुबंधासन,शवआसन इत्यादि करना लाभकारी साबित होता है।

• ऑपरेशन कराना 
जब जोड़ों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को इलाज के किसी भी तरीके से आराम नहीं मिलता है तो उसके लिए घुटनों का ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प बचता है। इसके अलावा शरीर के अन्य जोड़ों के लिए आर्थ्रोप्लास्टी की जा सकती हैं।






 ● जोड़ों का दर्द के संभावित खतरे क्या हो सकते हैं ?

हालांकि, जोड़ों के दर्द का इलाज संभव है, जिससे करवाकर लोग बेहतर जिंदगी जी सकते हैं। इसके बावजूद काफी दुख की बात है कि कुछ लोग इसका लाभ सही समय पर नहीं उठा पाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति जोड़ों के दर्द का इलाज सही तरीके से ना ककराएं तो उसे इन 5 संभावित खतरे से जूझना पड़ सकता है -

• दर्द का बढ़ना
जोड़ों का दर्द का इलाज लंबे समय तक न कराने पर यह समय बीतने के साथ-साथ बढ़ सकता है ऐसी स्थिति में इससे पीड़ित लोगों को असहनीय दर्द से जूझना पड़ सकता है। जिसमें दर्द निवारक दवाई से भी आराम नहीं मिलता है।

 • दर्द वाले अंग का खराब होना
यदि जोड़ों के दर्द को ठीक न किया जाए तो इसका असर पड़ता है जहां पर यह दर्द होता है अतः दर्द वाला अंग खराब हो सकता है।

• दिल या किडनी जैसी बीमारियों की संभावना का बढ़ना
 जोड़ों के दर्द के संभावित खतरों में गंभीर बीमारियों के खतरे का बढ़ना है। इसी कारण इसकी वजह से इससे पीड़ित लोगों को दिल, किडनी संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

• जोड़ों की गतिशीलता में कमी आना
इस समस्या से जोड़ों की कार्य क्षमता या गतिशीलता में भी कमी आ सकती हैं।
 सामान्य काम करने में भी परेशानी होना।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि इस समस्या से पीड़ित लोगों को सामान्य काम जैसे झुककर कोई चीज उठाना, जमीन पर बैठना, ज्यादातर देर तक घुटने मोड़कर बैठना इत्यादि करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।





●  जोड़ों का दर्द की रोकथाम कैसे करें  ?

निश्चित रूप से जोड़ों का दर्द किसी भी शख्स की जिंदगी को कष्टदायक बना सकता है। इसका असर इससे पीड़ित लोगों के साथ-साथ उनके परिजनों की जिंदगी पर भी पड़ता है। 
इसके बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह जोड़ों के दर्द की भी रोकथाम संभव है।
 इस कारण यदि कोई शक निम्न चीजों का पालन करें तो व जोड़ों के दर्द की रोकथाम आसानी से कर सकता है 

• एक्सरसाइज करना 
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति हर रोज एक्सरसाइज करें तो वह काफी सारी बीमारी से अपनी रक्षा कर सकता है। यह बात जोड़ों के दर्द पर भी लागू होती है। इसलिए इसकी रोकथाम में एक्सरसाइज करना लाभकारी साबित होता है।

• हेल्थी फूूूड खाना 
हम सभी को खाने-पीने पर विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसका काफी गहरा असर अपनी सेहत पर पड़ता है। इसी कारण हमें केवल हेल्दी फूड ही खाना चाहिए ताकि हमें जोड़ों के दर्द जैसी समस्याएं या बीमारी ना हो।

• वजन को कंट्रोल में रखना 
अक्सर ऐसा देखा गया है कि जिस व्यक्ति का वजन अधिक होता है उसे जोड़ों का दर्द होने की संभावना काफी अधिक रहती हैं। इस प्रकार हम सभी लोगों को अपने वजन को कंट्रोल में रखने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि हमें इस तरह की कोई समस्या ना हो।

• थेरेपी लेना 
जोड़ों का दर्द के लिए थेरेपी लेना काफी फायदेमंद साबित होता है। इसलिए इसकी रोकथाम के लिए थेरेपी लेना सहायक साबित हो सकता है।

• डॉक्टर के संपर्क में रहना 
इस समस्या से पीड़ित सभी लोगों को जिस चीज का पालन करना चाहिए वह है डॉक्टर के संपर्क में रहना। उन्हें तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए जब तक वे उन्हें पूरी तरह से ठीक कर दे।

 पहले के जमाने में काफी सारी बीमारियां थी।जिनका इलाज कराना मुश्किल था। इसी कारण लोग भी ऐसा ही सोचते थे कि यदि उन्हें एक बार जोड़ों का दर्द हो गया तो फिर उन्हें अपनी सारी जिंदगी इसी तरह से बितानी होगी।
लेकिन अभी यह तस्वीर काफी हद तक बदल चुकी हैं क्योंकि अब मेडिकल साइंस में जोड़ों का दर्द का इलाज संभव है।
 लोगों में इस समस्या की जानकारी को बढ़ाने के लिए भी  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने काफी प्रयास किया है ।
उदाहरण के लिए हर साल 19 अक्टूबर को विश्व जॉइंट डे के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा हम सभी को अपने अपने स्तर पर जोड़ों के दर्द की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को देनी चाहिए।
 ताकि वे इसका इलाज सही तरीके से करा सके। इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आप के लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा।  क्योंकि इसमें हमने जोड़ों का दर्द की आवश्यक जानकारी दी है ।




○ जोड़ों के दर्द से जुड़ी लोगों की परेशानियों के कुछ सवाल हैं जो सबसे अधिक पूछे जाते हैं।

Q1. जोड़ों का दर्द के कारण क्या हो सकते हैं ?Ans.जोड़ों का दर्द काफी सारे कारणों से जैसे जेनेटिक कारण, सही भोजन ना करना, किसी तरह की बीमारी से पीड़ित होना, चोट लगना इत्यादि हो सकते हैं

Q2. जोड़ों का दर्द को कैसे कम किया जा सकता है ? 
Ans.जोड़ों का दर्द को कम करने में घरेलू नुस्खे अपनाना,एक्सरसाइज करना, थेरेपी लेना इत्यादि लाभकारी उपाय साबित हो सकते हैं 

Q3. किस बीमारी का परिणाम जोड़ों का दर्द हो सकता है ? 
Ans. जोड़ों के दर्द मुख्य रूप से अर्थराइटिस, लुपस,चोट ,मोच इत्यादि का नतीजा हो सकता है इसी कारण इन बीमारियों से पीड़ित लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें जोड़ों का दर्द से जूझना ना पड़े।

Q4.  जोड़ों का दर्द से किसी व्यक्ति की मौत हो सकती हैं ?
Ans. जी नहीं, जोड़ों का दर्द से किसी व्यक्ति की मौत नहीं होती हैं हालांकि जोड़ों का दर्द बढ़ने से उसे चलने में काफी परेशानी हो सकती हैं।

Q5. जोड़ों का दर्द का इलाज संभव है ?
Ans.जी हां , जोड़ों का दर्द का इलाज संभव है इस स्थिति में दवाई लेना ,थेरेपी लेना, एक्सरसाइज करना ,ऑपरेशन कराना इसके इलाज के बेहतर तरीके साबित हो सकते हैं।

Q6. जोड़ों का दर्द होने पर किस तरह का भोजन करना चाहिए ?
Ans. जोड़ों का दर्द होने पर मछली, अदरक,लहसुन,पालक,अंगूर इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। इस तरह का भोजन जोड़ों के दर्द को कम करने और इस से पीड़ित लोगों को जल्द से ठीक होने में सहायता कर सकता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए बहुत बढ़िया टिप्स।

1. स्वस्थ जीवनशैली के लिए यह सुबह की डिफ़ॉल्ट दिनचर्या होनी चाहिए। पानी आपको एक स्वस्थ शुरुआत देता है क्योंकि यह शरीर में पोषक तत्वों के उचित संचार में मदद करता है। जल शरीर की परिवहन प्रणाली के रूप में कार्य करता है।यह अभ्यास हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और बृहदान्त्र को साफ करता है जिससे यह विभिन्न खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण को सक्षम बनाता है। यह आपके वजन घटाने के प्रयासों में मदद कर सकता है। सुबह सबसे पहले पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर त्वचा की चमक बढ़ाने में मदद करता है। यह त्वचा को पसीने के माध्यम से शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, शरीर की कोशिकाओं को नवीनीकृत करने का काम करने में भी मदद करता है। 2. एक स्वस्थ जीवनशैली का आपके भोजन के समय पर बहुत प्रभाव पड़ता है। चूँकि नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है नाश्ता करने का सबसे अच्छा समय सुबह 7 बजे या जागने के पहले घंटे के भीतर है। 3. सुबह का समय बहुत व्यस्त हो सकता है, लेकिन वजन घटाने के लिए सुबह व्यायाम के लिए कम से कम 15 मिनट का समय निकालने का प्रयास करें। एक स्...

ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) इसके लक्षण, कारण व बचाव क्या है।

Breast Cancer स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीनों में परिवर्तन के कारण स्तन कोशिकाएं विभाजित होने लगती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने और फैलने लगती हैं। ब्रेस्ट कैंसर क्या ? स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है। स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीनों में परिवर्तन के कारण स्तन कोशिकाएं विभाजित होती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने और फैलने लगती हैं। आम तौर पर, स्तन के दूध उत्पादक ग्रंथियों (लोब्यूल) या पथ (नलिकाओं) में कैंसर बनता है, जो ग्रंथियों से निप्पल तक दूध पहुंचाता है। फैटी या स्तन के रेशेदार संयोजी ऊतक कैंसर कोशिकाओं के लिए हॉटस्पॉट भी हो सकते हैं।कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं आपकी बाहों के नीचे लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती हैं। ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार स्तन कैंसर के विभिन्न प्रकार और चरण होते हैं। इसके अलावा, यह पुरुषों को भी प्रभावित कर सकता है, हालांकि ऐसे बहुत कम केस होते हैं। मोटे तौर पर स्तन कैंसर के दो प्रकार होते हैं: इन्वेसिव (तेजी से फैलने वाला) और नॉन-इन्वेसिव (धीरे धीरे फैलने वाला)। 80% ब्रेस्ट कैंसर इन्वेस...

किन बिमारियों का शिकार महिलाओं से अधिक पुरूष होते हैं।

Men's Health Problems दुनिया भर में हर साल करोड़ों लोग तरह-तरह की बीमारियों का शिकार होकर अपनी जान गवा देते हैं। इनमें Heart related disease,cancer,Diabetes आदी प्रमुख है। •   धूम्रपान छोड़ने के उपाय। दरअसल इनमें से कहीं ऐसी जानलेवा बीमारी है। जो महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को प्रभावित करती हैं। क्योंकि महिलाओं के जीवन में पीरियड, प्रेगनेंसी, मैनोपोज जैसी कहीं दिक्कते आती हैं इसलिए आमतौर पर महिलाएं डॉक्टर के पास ज्यादा विजिट करती हैं और इनकी कुछ स्वास्थ्य समस्याएं शुरुआती अवस्था में ही पकड़ में आ जाती हैं। जबकि ज्यादातर पुरुष अपने स्वास्थ्य समस्याओं के लिए डॉक्टर के पास बहुत कम जाते हैं। इसलिए उनकी बीमारी आमतौर पर स्थिति खराब होने के बाद ही पकड़ में आती हैं। आज हम आपको ऐसी बीमारियां बता रहे हैं। जिनका शिकार दुनिया भर में महिलाओं से ज्यादा पुरुष होते हैं। ● Hypertension ( हाइपरटेंशन ) महिलाओं की तुलना में पूरे देश में पुरूष हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर से अधिक ग्रसित होते हैं। 60 वर्ष की उम्र के बाद पुरुषों में हाइपरटेंशन काफी ज्यादा नजर आता है। यह बात बिल्कुल सही है कि महिला क...