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कब्ज क्या है ? और कैसे करें इसका इलाज ? (constipation in Hindi )

                 (Constipation)

कब्ज से काफी लोग परेशान रहते हैं।
 हालांकि वे इसका इलाज कराने के लिए सभी तरह के तरीके अपनाते हैं। जिनका असर कुछ समय तक रहता है लेकिन कुछ समय के बाद पेट की यह समस्या फिर से हो जाती हैं इसकी वजह से ऐसे लोग यह सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि क्या कभी उन्हें कब्ज से छुटकारा मिलेगा या नहीं। 
आमतौर पर कब्ज को लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं। क्योंकि उनकी नजर में यह एक सामान्य समस्या है जिसे ज्यादा तवज्जो देने की आवश्यकता नहीं है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इसके बेहतर इलाज की तलाश है ताकि वे इससे छुटकारा पा सके।
 यदि आप भी कब्ज से परेशान हैं तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि हमने इसमें पेट से जुड़ी समस्याओं की आवश्यक जानकारी दी है।

• कब्ज क्या है ? 
 ये पेट की ऐसी समस्या हैं जिसमें व्यक्ति को मल त्याग करने में परेशानी होती हैं। इसके अलावा उसे मल त्याग के समय काफी दर्द भी होता है। जिसके लिए उसे मेडिकल सहायता लेनी पड़ती है। इस स्थिति में मल सख्त और सूखा हो जाता है जो दर्द का कारण बनता है। 

• कब्ज के लक्षण क्या है ?
यदि किसी व्यक्ति को यह पांच लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए क्योंकि यह कब्ज के संकेत हो सकते हैं।

 - मल का काफी कम होना 
कब्ज का प्रमुख लक्षण मल का काफी कम होना है। इस स्थिति में व्यक्ति को एक हफ्ते में तीन बार ही मल त्याग होता है और बाकी बार उसे बिना मल त्याग के ही बाथरुम से लौटना पड़ता है। 

- मल त्याग करने के लिए दबाव लगना 
जब किसी व्यक्ति को मल त्याग करते समय दबाव लगाना पड़े तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए। यह समस्या कब्ज का संकेत हो सकती है जिसके लिए पूर्ण इलाज की जरूरत पड़ती है।

- मलाशय में रुकावट महसूस होना 
अक्सर कुछ लोगों को मलाशय में रुकावट महसूस होती है ऐसे लोगों को इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कब्ज का लक्षण हो सकता है।  

- मलाशय का पूरी तरह से खाली ना होना
 यदि किसी शख्स को मल त्याग करने के बाद भी ऐसा महसूस होता है की उसका मलाशय पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है। तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस पर बात करनी चाहिए। क्योंकि यह कब का संकेत हो सकता है इसलिए इसमें इलाज कराने की जरूरत पड़ती है। 
- सख्त या गांठदार मल होना 
इस से पीड़ित लोगों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।




• कब्ज किन कारणों से होता है ?
 कब्ज की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती हैं जिसके काफी सारे कारण हो सकते हैं 
आमतौर पर पेट की ये समस्याओं इन कारणों से होती है।

- खान-पान में बदलाव करना  
 हम सभी लोगों का शरीर एक विशेष तरह के खाने का आदी होता है। ऐसे में जब हम शरीर में अलग अलग तरह का भोजन परोसते हैं तो उसमें कब्ज जैसी पेट संबंधी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

- पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना 
आपने यह सुना होगा कि हमारे शरीर को पानी की कितनी जरूरत होती हैं यह हमारे शरीर को डीहाइड्रेट से बचाने के साथ-साथ एनर्जी भी देता हैं। लेकिन जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो यह कब्ज और काफी सारी समस्याओं का कारण बन जाता है। 

- अधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन करना 
कब्ज होने की संभावना ऐसे लोगो में अधिक रहती है जो डेयरी उत्पादों का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं ऐसे लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि इन्हें कोई बीमारी ना हो।

- शारीरिक गतिविधियां न करना 
यदि कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधियां पर्याप्त मात्रा में नहीं करता है तो उसे कब्ज होने की संभावना काफी अधिक रहती है। इस प्रकार कब्ज होने का अन्य कारण शारीरिक गतिविधियां ना करना है।

- तनाव लेना 
हम सभी लोगों का अपने तनाव को कम करने के अपने अपने तरीके होते हैं एक और कुछ लोग तनाव को कम करने के लिए डांस, संगीत इत्यादि का सहारा लेते हैं तो दूसरी ओर लोग तनाव से निपटने के लिए खाने का सहारा लेते हैं कब्ज होने की समस्या दूसरे तरह के लोगों में अधिक रहती हैं क्योंकि वे तनाव को कम करने के चक्कर में अनहेल्थी फूड का सेवन कर लेते हैं जिसका परिणाम कब्ज के रूप में सामने आता है।


 • कब्ज की पहचान कैसे करें ?
हालांकि कब्ज काफी सारी परेशानियों का कारण बन सकता है लेकिन इसके बावजूद यदि इसकी पहचान समय रहते कर ली जाए तो इसका इलाज समय रहते शुरू किया जा सकता है इसकी पहचान इन 5 तरीकों से की जा सकती है।

- मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना 
कब्ज की पहचान करने का सबसे आसान तरीका मेडिकल हिस्ट्री की जांच करना है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी व्यक्ति के पहले पेट की समस्याओं का पता लग सके।

- ब्लड टेस्ट करना 
ब्लड टेस्ट के द्वारा भी कब्ज की पहचान की जा सकती है। ब्लड टेस्ट में डॉक्टर व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी हिस्से की गतिविधियों को मॉनिटर करने का काम करते हैं।

- यूरिन टेस्ट कराना 
अकसर कब्ज का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट भी किया जाता है। इस टेस्ट को इसलिए किया जाता है ताकि इस बात का पता लग सके कि कब्ज का कारण यूरिन संबंधित समस्याओं का नतीजा तो नहीं है।

- स्टूल टेस्ट कराना 
क्योंकि कब्ज का संबंध पेट से है इसलिए इसकी पहचान स्टूल टेस्ट के द्वारा भी की जा सकती है। इसमें स्कूल की गांठ का पता लगाया जाता है ताकि कब्ज का कारण  का पता चल सके।

एक्स रे कराना  
कई बार डॉक्टर को पता लगाने के लिए एक्स रे का सहारा लेते हैं इस दौरान पेट का एक्सरे किया जाता है ताकि उसके अंदरूनी स्थिति को मॉनिटर किया जा सके।

• कब्ज का इलाज कैसे किया जा सकता है ?

जैसे ही किसी व्यक्ति को कब्ज से पीड़ित होने का पता चलता है वैसे ही उसे अपना इलाज शुरू कर लेना चाहिए। ऐसा करने से वह कब्ज से होने वाली संभावित खतरों से बच सकता है इस प्रकार कब्ज का इलाज किया जा सकता है 

- घरेलू नुस्खे अपनाना
 कब्ज का इलाज कराने का सबसे आसान तरीका घरेलू नुस्खे को अपनाना है इसके लिए नींबू पानी, पीना, सादा भोजन करना इत्यादि उपाय अपनाए जा सकते हैं।
 
दवाई लेना 
कब्ज का इलाज दवाई के द्वारा भी संभव है यह दवाइयां कब्ज को न बढ़ने और इस से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करने का काम करती हैं।

सप्लीमेंट का सेवन करना 
अक्सर कब्ज को ठीक करने के लिए सप्लीमेंट का सहारा भी लिया जाता है। हालांकि इनका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में सप्लीमेंट्स करना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

- बायोफीडबैक थेरेपी करना 
आज के दौर में कब्ज का इलाज के लिए बायोफीडबैक थेरेपी का भी उपयोग किया जाता है इसमें कब्ज व पेट संबंधी समस्याओं को ठीक करने की कोशिश की जाती है।

सर्जरी करना 
जब कब्ज का इलाज किसी भी तरह से नहीं हो पाता तो डॉक्टर सर्जरी का सहारा लेते हैं इसमें कॉलॉन को निकाल दिया जाता है ताकि मल त्याग सही तरीके से हो सके।


• कब्ज के जोखिम क्या हो सकते हैं  ?
हालांकि कब्ज का इलाज संभव है जिसका लाभ काफी सारे लोगों को मिल मिला है। इसके बावजूद कुछ लोगों के इस समस्या की पूरी जानकारी ना होने के कारण उन्हें काफी सारी परेशानियों से जूझना पड़ता है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति कब्ज  से पीड़ित है तो 
उन्हें इन पांच जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।

- गुर्दे की नस में सूजन होना 
कब्ज का प्रमुख मुख्य जोखिम है नस में सूजन होना इसकी वजह से कब से पीड़ित लोगों को दर्द महसूस हो सकता है। जिसके लिए उन्हें दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करना पड़ सकता है।

 - गूदे की त्वचा का छिलना 
कब्ज का परिणाम गूदे की त्वचा के खिलने के रूप में सामने आता है इस स्थिति में मेडिकल सहायता लेना ही समझदारी का कदम साबित होता है।

 - बवासीर होना
 यदि कब्ज की समस्या का इलाज लंबे समय तक ना किया जाए तो यह बवासीर का कारण भी बन सकता है।
कब्ज का इलाज संभव है ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज शुरू कर आना चाहिए।

- मूत्र संबंधी समस्याओं का होना
 अक्सर कब्ज मूत्र की समस्या की वजह बन सकता है। इस कारण लोगों को नए सिरे से अपना इलाज शुरू कर आना चाहिए। 



• कब्ज की रोकथाम कैसे की जा सकती हैं ?

स्पष्ट किया गया है कि कब्ज के काफी सारे जोखिम हो सकते हैं जो किसी भी व्यक्ति को परेशान कर सकते हैं लेकिन इसके बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह कब्ज का  भी रोकथाम संभव है। इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति निम्न बातों का पालन करें तो वह कब्ज की रोकथाम आसानी से कर सकता है। 

- हेल्दी डाइट अपनाना 
क्योंकि कब्ज होने का एक कारण अनहेल्दी फूड ही है इसी कारण इसकी रोकथाम करने के लिए खान पान में बदलाव करना चाहिए।
केवल हेल्दी डाइट अपनाना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

- एक्सरसाइज करना 
यदि कोई हर रोज एक्सरसाइज करता है तो उसके बीमार होने की संभावना काफी कम रहती है यह बात कब्ज पर भी लागू होती है। इसलिए लोगों को हर रोज कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करनी चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह की बीमारी ना हो।

- अधिक मात्रा में पानी पीना 
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि कब्ज उन  जैसे लोगों को हो सकता है जो काफी कम पानी पीते हैं। कब्ज की रोकथाम के लिए अधिक मात्रा में पानी पीना  चाहिए (6 से 8 क्लास प्रतिदिन) उपयोगी उपाय साबित हो सकता है।

इसके कुछ मामले देखने को मिलते हैं जिनमें यह समस्या अधिक स्ट्रेस लेने की वजह से होती हैं इसी कारण लोगों को अपने स्ट्रेस को मैनेज करने की कोशिश करनी चाहिए। जिसके लिए वह मनोवैज्ञानिक की मदद ले सकते हैं। 

- टॉयलेट,बाथरूम को अधिक समय तक रोकना 
ऐसा माना जाता है कि हम सभी लोगों को हर 2 घंटे में टॉयलेट जाना चाहिए ताकि हमारे शरीर से गंदा पानी निकल सके इसके अलावा हमें सही समय पर बाथरूम भी जाना चाहिए ताकि हमारे शरीर से गन्दा मटेरियल बाहर चला जाए। इसके विपरीत अगर कोई व्यक्ति टॉयलेट बाथरूम को अधिक समय तक रोकता है तो उसे कब्ज समेत काफी सारी बीमारियां होने की संभावना रहती है।
 इसी कारण हम सभी लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए

 - सुबह गर्म पानी पीना 
कब्ज पेट की समस्याओं की रोकथाम में सुबह गर्म पानी पीना होता है ऐसा करने से मल त्याग में आसानी होती है जिससे पेट अच्छी तरह से साफ हो जाता है।
कब्ज की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिस के मरीज भारत समेत दुनिया भर में है यदि केवल भारत की बात की जाए तो, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में लगभग 22 % लोग कब्ज की समस्या से पीड़ित है। इसके बावजूद यह काफी दुख की बात है कि लोगों में कब्ज को लेकर जागरूकता की कमी है जिसकी वजह से वे आसानी से इस बीमारी का शिकार बन जाते हैं ऐसे में यह जरूरी है कि लोगों को कब्ज के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए ताकि वे अपना इलाज सही तरीके से करा सके। 

इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आप के लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा।  और इसमें दी गई जानकारी आपको और आपके परिजनों को इस बीमारी से लड़ने या फिर सामना करने में सहायता करेगी।

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