मुंहासे (Acne) की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती हैं क्योंकि यह मुख्य रूप से चेहरे पर ही होती हैं। इसी कारण इसके होने पर व्यक्ति काफी परेशान हो जाता है और वह इसे ठीक करने के लिए हर तरह के प्रयास करता है।
इसके बावजूद लोग मुंहासे को गंभीरता से नहीं लेते हैं और इसके संबंध में ऐसा सोचा जाता है कि देर सवेर यह समस्या अपने आप ठीक हो जाएगी।
इसी रवैए के कारण यह समस्या समय के साथ घातक रूप ले लेती हैं। और इसका असर व्यक्ति के मानसिकता पर पड़ता है। इसी कारण किसी भी व्यक्ति को इस समस्या की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। ताकि वह इस समस्या से समय रहते निजात पा सके।
यदि आप भी मुंहासे की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें।
मुंहासे से तात्पर्य है कि यह एक त्वचा की समस्या है जो उस स्थिति में होती हैं। जब केश कूप ( वसा और मृत कोशिकाओं) से ब्लॉक हो जाते हैं।इस स्थिति में चेहरे, कंधे, गर्दन, बांहें इत्यादि पर फुंसी,सफेद दाने, धब्बे इत्यादि हो जाते हैं।
देखने में मुंहासे अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनमें है।
सफेद धब्बों का होना (whiteheads)- यह मुहांसों का एक सामान्य प्रकार हैं जो उस स्थिति में होता है। जब त्वचा के छिद्र शिबम और मृत कोशिकाओं से भर जाता है।
सफेद दब्बों का उपचार करना थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इस स्थिति में छिद्र पूरी तरह से बंद हो जाता है। और तब ऐसे उत्पाद उपयोगी साबित हो सकते हैं जिनमें अधिक मात्रा में सैलिसिलिक एसिड होता है।
फुंसी का होना - यह मुहासे का सबसे लोकप्रिय प्रकार हैं। जो उस स्थिति में होती हैं। जब स्वेट ग्लैंड संक्रमित हो जाती हैं और इसके कारण त्वचा में सूजन लाल,धब्बे पड़ जाते हैं।
शिष्ट का होना - सिस्ट की समस्या मुख्य रूप से उस स्थिति में होती हैं। जब त्वचा में बैक्टीरिया शिवम और मृत कोशिकाएं इकट्ठा हो जाती हैं इसकी वजह से त्वचा पर लाल धब्बे पड़ जाते है।जिन्हें छूने पर दर्द भी होता है।
छालों का पड़ना- जब आप त्वचा के छिद्रों की चारों ओर की दीवारें टूट जाती हैं। तो छाले हो जाते हैं यह मवाद से भरे हुए होते हैं। यह दब्बे त्वचा से उभर आते हैं। और इसकी वजह से त्वचा लाल रंग की हो जाती हैं। यह आमतौर पर पीले या सफेद रंग के होते हैं।
• मुंहासे के लक्षण क्या है ?
किसी भी अन्य समस्या की तरह मुंहासे के भी कुछ लक्षण होते हैं। जो इसके होने के संकेत देते हैं।
इसी कारण हर व्यक्ति को लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और इनके होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
मुंहासे के मुख्य रूप से निम्न लक्षण होते हैं जो इस प्रकार हैं।
• त्वचा का लाल पढ़ना।
• त्वचा में खुजली का होना।
• त्वचा में दर्द होना।
• त्वचा गर्म लगना।
• फुंसी होना।
• मुंहासे किन कारणों से होते हैं ?
मुंहासे या पिंपल की समस्या कई सारे कारणों से हो सकती हैं। जिनमें से प्रमुख कारण इस प्रकार हैं।
अधिक मात्रा में तेल का सेवन करना - मुहासे की समस्या मुख्य रूप से उस स्थिति में अधिक होती है जब किसी व्यक्ति के शरीर में तेल की मात्रा अधिक हो जाती हैं। इसी कारण डॉक्टर कम मात्रा में तेल से भरपूर भोजन का मात्रा में लेने की सलाह देते हैं।
यदि कोई व्यक्ति अधिक तनाव लेता है। तो उसे मुंहासे होने की संभावना अधिक रहती हैं। इसी कारण व्यक्ति को अधिक तनाव नहीं लेना चाहिए।क्योंकि इसका व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
कई बार ऐसा देखा गया है कि जो व्यक्ति धूम्रपान करता है। उसे मुंहासे हो जाते हैं क्योंकि धूम्रपान की वजह से उसके शरीर में गर्माहट जाती हैं और इसके परिणाम स्वरूप शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
इसी कारण किसी भी व्यक्ति को धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
मुहासे की समस्या उन लोगों को भी हो सकती हैं जिनका कोई इलाज चल रहा होता है।
उनके द्वारा खाई जाने वाली दवाइयों का उनके शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इसी कारण ऐसा हो जाता है। किसी भी दवाई को डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए।
मुहांसे की समस्या मुख्य रूप से हार्मोन बदलाव के कारण भी होती हैं। कुछ लोगों में हार्मोन का बदलाव असामान्य तरीके से होता हैं जिसकी वजह से बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
• मुंहासों का उपचार कैसे किया जा सकता है ?
मुंहासे से पीड़ित व्यक्ति इन से निजात पाने के लिए कई सारे तरीके अपना सकता है जिनमें कुछ इस प्रकार हैं।
• घरेलू नुस्खे अपनाना।
• दवाई लेना।
• क्रीम लगाना।
• अधिक मात्रा में पानी पीना।
• हेल्दी डाइट अपनाना।
• लेजर तकनीक का इस्तेमाल करना।
मुहांसों का उपचार कहीं सारे घरेलू नुस्खों से किया जा सकता है। मुहांसों का उपचार करने के लिए एलोवेरा, सिरका इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। और इसके साथ में शहद और दालचीनी का मास्क बना कर उसे चेहरे पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा हल्दी,नींबू,संतरा इत्यादि का उपयोग करके इनका इलाज किया जा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को घरेलू नुस्खों को अपनाने के बावजूद मुंहासे की समस्या से छुटकारा नहीं मिलता है तो वह इसके लिए त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकता है। डॉक्टर उसे कुछ दवाइयां देते हैं जो मुंहासे को बढ़ने से रोकने में सहायक होती हैं।
कई बार मुहांसों के उपचार के लिए क्रीम का भी इस्तेमाल किया जाता है। इस क्रीम को मुंहासे वाली जगह पर लगाया जाता है। जिस से मुंहासे समाप्त हो जाते हैं।
मुंहासे होने का अन्य कारण शरीर में पानी की कमी भी होती हैं। इसी कारण मुंहासे से पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति मुहांसे से परेशान है तो उसे दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि खराब या तले हुए भोजन को खाने से भी मुंहासे होते हैं इसी कारण व्यक्ति को अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिए। उसे पोस्टिक से भरपूर भोजन करना चाहिए। जो उसके शरीर में आवश्यक पदार्थ पहुंचाएं और इसके साथ में यह उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता।
जब किसी व्यक्ति को किसी तरीकों से इस समस्या से आराम नहीं मिलता है तब उसे मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
इस स्थिति में लेजर तकनीक का सहारा लिया जाता है। जो मुंहासों पर सीधे तौर पर उसे समाप्त कर देती हैं। इस प्रकार लेजर तकनीक मुहांसों का उपचार करने में सर्वोत्तम तरीका साबित हो सकता है।
• मुंहासों के जोखिम क्या हो सकते हैं ?
त्वचा का छीलना।
त्वचा का लाल हो जाना।
त्वचा पर दर्द महसूस होना।
त्वचा पर अधिक मुहासे होना।
त्वचा पर गड्ढे पड़ना।
त्वचा पर दाग हो जाना।
• मुहांसों की रोकथाम कैसे की जा सकती है ?
आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मुहांसों की रोकथाम नहीं की जा सकती।
इसी कारण मुंहासे की समस्या अधिकांश लोगों में देखने को मिलती हैं। यदि कोई व्यक्ति निम्न तरीकों को अपनाएं तो वह इस समस्या की रोकथाम कर सकता है।
चेहरे को दिन में दो बार धोना चाहिए- हर व्यक्ति को अपने चेहरे का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उसे दिनभर की धूल,मिट्टी,प्रदूषण इत्यादि का सामना करना पड़ता है। इसी कारण व्यक्ति को दिन में दो बार चेहरे को साफ पानी से धोना चाहिए ताकि उसका चेहरा अच्छी तरह से साफ हो सके और वहां से सभी नुकसानदायक पदार्थ निकल जाए।
हार्मोन की दवाई लेना - जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया है कि मुंहासे की समस्या हार्मोन परिवर्तन के कारण भी होती हैं। इसी कारण व्यक्ति को हार्मोन की दवाई लेनी चाहिए। ताकि शरीर पर इसका बुरा असर नहीं पड़े।
हेल्थी डाइट का सेवन करना- ऐसा माना जाता है कि भोजन का असर शरीर पर पड़ता है। यह बात मुंहासे के संदर्भ में सही साबित होती हैं। इसी कारण व्यक्ति को अपने भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सन्सक्रीम का इस्तेमाल करना- कई बार ऐसा कहा जाता है कि ज्यादा देर तक धूप में रहने से त्वचा पर बुरा असर पड़ता है। इसी कारण मुंहासे से बचने के लिए व्यक्ति को घर से बाहर जाते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि उसके शरीर पर कोई धूप का दुष्प्रभाव ना हो।
बालों को साफ रखना- मुंहासों की समस्या बालों का विशेष ध्यान रखने के कारण भी होती है। हर व्यक्ति को अपने बालों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि वह इस समस्या से अपनी रक्षा कर सकें।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि हर व्यक्ति की आकर्षक शरीर की कामना रहती हैं और इसे बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है। लेकिन जब उसे कोई समस्या हो जाती है तो उसकी सौंदर्य पर दाग लगा देती हैं तो वह उसे लेकर परेशान हो जाता है।
मुंहासे या पिंपल्स भी ऐसी ही समस्या है जो हर व्यक्ति को किसी न किसी उम्र में होती हैं इसी कारण लोगों के बीच में यह चर्चा का विषय बन गई हैं।
लोग इसके बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं ताकि वे मुंहासे से अपनी रक्षा कर सकें इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आप के लिए इसको पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा। क्योंकि हमने इसमें मुंहासे से संबंधित आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
यदि आप या आपकी जान पहचान में कोई इस समस्या से निजात पाना चाहता है तो ये लेख जरुर शेयर करें।
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