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( Immunity power in Hindi ) रोग-प्रतिरोधक क्षमता क्या है, और इसे कैसे बढ़ाएं ?

( Immunity power) रोग प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी पावर सभी लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण चीज है।
 डॉक्टर भी लोगों को इसे बनाए रखने या फिर बढ़ाने की सलाह देते हैं लेकिन लोगों के मन में यह सवाल आता है कि वह अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता केसे बढ़ा सकते हैं इसी कारण उन्हें मौसम के बदलने,किसी नई बीमारी के होने, परिवार में किसी अन्य व्यक्ति के बीमार होने इत्यादि परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस बिंदु पर आपके मन में भी यह सवाल जरूर आया होगा कि आखिरकार रोग प्रतिरोधक क्षमता को इतनी जरूरी क्यों माना जाता है और इसे बढ़ाया कैसे जाता है। 
आपको ऐसे सवालों को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस लेख को पढ़कर इम्यूनिटी पावर से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे, तो बगेर समय बर्बाद किए आइए इस लेख को शुरू करते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता क्या है?
प्रतिरक्षा प्रणाली में अंग, कोशिकाएं, टिशू और प्रोटीन इत्यादि शामिल होते हैं यह सभी तत्व मिलकर मानव शरीर को सही तरीके से काम करने में सहायक होते हैं, इसके साथ में प्रतिरक्षा प्रणाली मानव शरीर को बीमारियों,संक्रमण, वायरस इत्यादि से लड़ने में सहायता करता है।
 इस प्रकार रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने की शक्ति है जो व्यक्ति को सेहतमंद रहने में सहायता करती हैं।
रोग प्रतिरोधक क्षमता क्यों जरूरी है ?
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि सभी लोगों के लिए बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता होना काफी जरूरी है क्योंकि यह उसे मुख्य रूप से इन पांच परेशानियों से बचाती हैं।
 • सेहतमंद रहना - रोग प्रतिरोधक क्षमता के सही होने का प्रमुख कारण सेहतमंद रहना है जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती हैं वह अधिक सेहतमंद रहता है।
 • मानसिक रूप से मजबूत होना- रोग प्रतिरोधक क्षमता का असर लोगों के शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क पर भी पड़ता है यह उससे मानसिक रूप से मजबूत रहने में मदद करती हैं जिससे उसे मानसिक रोग होने की संभावना कम हो जाती हैं।•शारीरिक मजबूती बनी रहना- रोग प्रतिरोधक क्षमता व्यक्ति को शारीरिक रूप से मजबूत रहने में सहायता करती हैं एक और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को कमजोर महसूस कमजोरी महसूस होती है वहीं दूसरी और मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को ऐसी कोई समस्या नहीं होती हैं बल्कि उसकी शारीरिक मजबूती बनी रहती हैं।
 • आने वाली पीढ़ियों को सेहतमंद रखना- अक्सर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है जिसकी वजह से यह समस्या आने वाली पीढ़ियों में भी देखने को मिल सकती है इसी कारण इसे मजबूत बनाने की आवश्यकता है।
• परिवार को गंभीर बीमारी से बचाना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का असर आने वाली पीढ़ियों पर नहीं, बल्कि परिवार के मौजूद सदस्यों की सेहत पर भी पड़ता है।
इस प्रकार सभी लोगों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए ताकि उनके सदस्यों को किसी तरह की बीमारी ना हो।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के लक्षण क्या है ?
किसी भी व्यक्ति के लिए कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना चिंताजनक होता है किसी भी अन्य समस्या की तरह कमजोर इम्यूनिटी पावर के बीच कुछ लक्षण होते हैं जिन्हें किसी शख्स को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
 इस प्रकार यदि किसी व्यक्ति को अपने शरीर में निम्नलिखित लक्षण नजर आए तो तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। 
क्योंकि यह कमजोर इम्यूनिटी पावर के संकेत हो सकते हैं।
 •तनाव महसूस होना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्रमुख लक्षण तनाव महसूस होना है क्योंकि इसका असर व्यक्ति के शरीर के साथ-साथ उसके मानसिक सेहत पर भी पड़ता है इस प्रकार यदि किसी व्यक्ति को अचानक से किसी भी काम में मन न लगता हो, लोगों से मिलने का मन न होता हो आदि जैसे लक्षण महसूस होते हैं तो उसे तुरंत मनोवैज्ञानिक से मिलकर अपनी सेहत की जांच करानी चाहिए ताकि तनाव का इलाज समय रहते कराया जा सके।
 •अधिक सर्दी लगना- यदि किसी व्यक्ति को अधिक सर्दी महसूस होती है तो उसे इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह लॉ इम्यूनिटी पावर का लक्षण हो सकता है।
• पेट संबंधी बीमारियां होना- अक्सर किसी व्यक्ति को पेट संबंधी बीमारियां जैसे दस्त लगना, कब्ज होना ,गैस होना इत्यादि होती है तो उसे मेडिकल सहायता लेनी चाहिए क्योंकि यह कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का लक्षण हो सकता है।
•चोट को ठीक होने में समय लगना- सभी लोगों को चोट को ठीक होने में थोड़ा ही समय लगता है जो कुछ समय के बाद स्वयं ही ठीक हो जाता है लेकिन यदि किसी व्यक्ति की चोट लंबे समय तक ठीक ना हो रही हो तो उसकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए क्योंकि यह इसका लक्षण हो सकता है।
 •संक्रमण होना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का अन्य लक्षण संक्रमण होना है ऐसी स्थिति में संक्रमित लोगों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए ताकि उन्हें संक्रमण से छुटकारा मिल सके।
 •कमजोरी महसूस होना- लो इम्यूनिटी पावर का लक्षण कमजोरी महसूस होना है हालांकि लोग कमजोरी महसूस होने को सामान्य समस्या समझते हैं लेकिन यह उनका ऐसा सोचना उन्हें बीमार बना सकता है।

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण क्या है ?
हालांकि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के सटीक कारण का पता नहीं लग पाया है इसके बावजूद इस पर किए गए अध्ययनों से यह बात स्पष्ट है कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता मुख्य रूप से निम्न कारणों से हो सकती हैं।
•अनहेल्दी फूड खाना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का प्रमुख कारण अन हेल्थी फूड खाना है जो कि हमारे खान-पान का असर हमारी सेहत पर पड़ता है इसलिए खान-पान सही ना होने पर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता जैसी समस्या का कारण बन सकता है।
• नशीले पदार्थों का सेवन करना- यदि कोई व्यक्ति नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करता है तो उसे कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की संभावना काफी अधिक रहती हैं।
 •पर्याप्त नींद न लेना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की संभावना ऐसे लोगों में अधिक रहती है जो पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं।
•वजन का अधिक होना- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का अन्य कारण वजन का अधिक होना है ऐसे लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उन्हें लो इम्यूनिटी पावर की समस्या ना हो। 
•एक्सरसाइज न करना- यदि कोई व्यक्ति एक्सरसाइज न करें तो उसे कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की संभावना काफी अधिक रहती हैं।

कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के जोखिम क्या है ?
किसी भी व्यक्ति के लिए कमजोर इम्यूनिटी पावर काफी खतरनाक साबित हो सकता है यह उसे बीमारी बनने के साथ साथ निम्न जोखिमों का शिकार भी बना सकती हैं।
 •संक्रमण होना।
•ऑटोइम्यून विकार होना।
 •शरीर के अंगो का खराब होना।
 •शरीर और दिमाग का धीरे विकास होना।
 •कैंसर का खतरा बढ़ना।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ाएं ?
हालांकि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता लोगों को बीमार बनाने के साथ-साथ उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं इसके बावजूद राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य समस्या की तरह लो इम्यूनिटी पावर को भी बढ़ाया जा सकता है और इसके जोखिमों से रक्षा की जा सकती हैं। 
इसी कारण यदि कोई व्यक्ति इन निम्न बातों का पालन करें तो वह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। 
•पौष्टिक भोजन करना-  जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का मुख्य कारण अनहेल्दी फूड खाना है इस प्रकार इसे बढ़ाने के लिए लोगों को पौष्टिक भोजन करना चाहिए जो विटामिन कैल्शियम आयरन इत्यादि तत्वों से भरपूर हो।
•हर रोज एक्सरसाइज करना- एक्सरसाइज़ करना लाभदायक साबित हो सकता है इसी कारण यदि कोई व्यक्ति हर रोज एक्सरसाइज करता है तो वह रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुधार सकता है।
•भरपूर नींद लेना-  हेल्थ संबंधी कुछ समस्याएं भरपूर नींद न लेने का नतीजा होती है इनमें कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी शामिल है जो अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं इसी कारण इसे बढ़ाने के लिए व्यक्ति को भरपूर नींद लेनी चाहिए।
 •नशीले पदार्थों का सेवन ना करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी होती है इसी कारण लोगों को इनका सेवन नहीं करना चाहिए ताकि उनकी सेहत खराब ना हो और वह सेहतमंद रहे।
 •संतुलित वजन बनाए रखना- क्योंकि वजन का अधिक होना कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता समेत काफी सारी समस्याओं का कारण बन सकती हैं लोगों को अपने वजन को संतुलित बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
 वर्तमान समय में काफी सारी बीमारियां फैल रही हैं जिनमें कोरोनावायरस भी शामिल है। हम सभी हर रोज कोरोनावायरस संक्रमित लोगों की खबरें टीवी में देखते रहते हैं जिसे कम करने के लिए राज्य सरकारों समेत केंद्रीय सरकार हर मुमकिन कदम उठा रहे हैं यदि आप कोरोनावायरस से बचने के उपायों पर ध्यान दें तो उनमें सबसे महत्वपूर्ण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है ताकि इस वायरस से बचा जा सके। लोगों में इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के उपायों की जानकारी न होने के कारण इसे सुधार नहीं पाते हैं।

इस प्रकार हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप अपनी यूनिटी पावर को बढ़ा पाएंगे और अपने आपको सेहतमंद बना पाएंगे।

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